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1 सितंबर से दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को प्रथम सन्तान पर मिलेगी 10 हजार की सहायता राशि’

 प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना’

’मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की अभिनव पहल’
’1 सितंबर से दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को प्रथम सन्तान पर मिलेगी 10 हजार की सहायता राशि’
श्रीगंगानगर। माननीय मुख्यमंत्री महोदय श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर परिवर्तित बजट वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना (पीएमएमवीवाई) के अन्तर्गत दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को प्रथम सन्तान के लिए वर्तमान में दी जा रही राशि 6500 रूपये को 01 सितंबर से बढ़ाकर 10 हजार रूपये करने का सराहनीय कदम उठाया गया है। इस राशि को राज्य निधि से 100 प्रतिशत डीबीटी के माध्यम से दिए जाने की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है।
भारत में अधिकांश महिलाओं को आज भी अल्पपोषण प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है। भारत में हर तीसरी महिला अल्पपोषित है तथा हर दूसरी महिला रक्ताल्पता से पीड़ित है। अल्पपोषित माता अधिकांशतः कम वजन वाले शिशुओं को ही जन्म देती है। जब कुपोषण गर्भाशय में ही शुरू हो जाता है तो यह पूरे जीवन चक्र में चलता रहता है और ज्यादातर अपरिवर्तनीय होते है। आर्थिक एवं सामाजिक तंगी के कारण कई महिलाएं अपनी गर्भावस्था के आखिरी दिनों तक अपने परिवार के लिए जीविका अर्जित करना जारी रखती है। इसके अलावा, वे बच्चे को जन्म देने के बाद समय से पहले काम करना शुरू कर देती है, जबकि उनका शरीर इसके लिए तैयार नहीं होता। इस प्रकार वे एक तरफ अपने शरीर को पूरी तरह स्वस्थ्य होने से रोकती है और पहले छह माह में अपने नौनिहालों को स्तनपान कराने की अपनी सामर्थ्य में भी बाधा पहुंचाती है।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय श्री भजनलाल शर्मा ने महिलाओं की पीड़ा को समझते हुए मातृ शक्ति राष्ट्र शक्ति ध्येय वाक्य को साकार करने के संकल्प के साथ उनके स्वास्थ्य एवं आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए वर्तमान में दी जा रही राशि 6500 रूपये को 01 सितंबर से बढ़ाकर 10 हजार रूपये कर दिया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक श्रीमती सुमित्रा बिश्नोई ने बताया कि राज्य सरकार ने परिवर्तित बजट वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना (पीएमएमवीवाई) के अन्तर्गत दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को प्रथम सन्तान के लिए वर्तमान में दी जा रही राशि 6500 रूपये को 01 सितंबर से बढ़ाकर 10 हजार रूपये कर दिए गए है। बढ़ी हुई राशि 3500 रूपये तीन किश्तों में 100 प्रतिशत राज्य निधि से डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी।
उन्होने बताया कि प्रथम किश्त का भुगतान आंगनबाड़ी केन्द्र पर पंजीकरण एवं कम से कम एक प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच पर पुर्व में 3000 रूपये दिये जाते थे। जिसे बढ़ाकर 4000 रूपये कर दिया गया है। बच्चे के जन्म पर पूर्व में मिलने वाले 1500 रूपये की द्वितीय किश्त को बढ़ाकर 3000 रूपये कर दिया गया है। बच्चे के जन्म का पंजीकरण एवं प्रथम चरण के सम्पूर्ण टीकाकरण पर चौदह सप्ताह की आयु तक के सभी टीके पूर्ण करवाने पर मिलने वाली तीसरी किश्त 2000 रूपये को बढ़ाकर 3000 रूपये कर दिया है। उन्होने बताया कि उक्त बढ़ी हुई राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा डीबीटी के माध्यम के किया जायेगा।
श्रीमती सुमित्रा बिश्नोई ने बताया कि बढ़ी हुई राशि 3500 रूपये ऐसी महिलाएं जो आंशिक रूप से (40 प्रतिशत) अथवा पूरी तरह से अक्षम है (दिव्यांग जन) का प्रमाण पत्र के आधार पर दी जाएगी। 01 सितंबर अथवा इसके बाद दिव्यांग गर्भवती महिला उपरोक्त जिस किश्त के लिए वह पात्र होगी, उसको बढ़ी हुई राशि का लाभ डीबीटी के माध्यम से दिया जायेगा। अतिरिक्त बढ़ी हुई राशि का भुगतान 100 प्रतिशत राज्य निधि से डीबीटी के माध्यम से किया जायेगा

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