Advertisement

Advertisement

कविताएँ मानस पटल का दर्द हरती है,बुराइयों पर चिन्तन करती है

कवि समाज को जाग्रत कर नई दिशा देते हैं-रामकरण पूनम प्रजापति
कवि और कविताएँ कार्यक्रम का आयोजन
रामकरण पूनम प्रजापति
सूरतगढ़ 28 फरवरी।
रामेश्वरम ट्रस्ट के मिशन पॉजिटिव इंडिया अभियान के तहत साहित्य को समाज के रूप में परोसने के उदेश्य से शुरू किये गये कवि और उनकी कविताएँ कार्यक्रम श्योपुरा में हुआ। विज्ञान दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में संघर के और वर्तमान में खरबारा में रहने वाले राष्ट्रिय सोच के सजग प्रहरी युवा कवि बेनामदास की कविताओं पर चर्चा की गयी। बेनाम दास बचपन से ही अव्यवस्थाओं के खिलाफ रहे हैं। उन्होंने अपनी कविताएँ देश भक्ति से ओतप्रोत ओजस्वी वाणी में लिखी है। वे अपनी कविताएँ सुनाते हुए बताने लगे जब तक हम उस धरातल का अध्ययन नही करेंगे जिस पर वे कविताएँ सृजन कर रहे हैं कविताएँ कौरा कागज ही रहेगी। उन्होंने अपनी कविताओं में हिजड़ों पर विशेष शोध देकर कविताओं की रचना की। राजस्थान की धरा पर टिब्बा छेत्र में किसानो,मजदूरों,राहगीरों,कामगारों पर क्या क्या मुश्किलें आती है इसका अनुभव वे लम्बे समय से टिब्बा छेत्र में रचे बसे लोगो के साथ अनुभव से बाँट रहे हैं। वे बताते हैं कोलेज के समय से ही उनके अंदर भारत निर्माण के बीज प्रस्फुटित हो गये थे। कोलेज समय से ही वे अध्यापन और गलत संगती का विरोध करते रहे।
               रामेश्वरम ट्रस्ट प्रभारी रामकरण पूनम प्रजापति ने बताया ट्रस्ट के सौजन्य से पाठको,दर्शको और सदस्यों को लगातार ओजस्वी और देशभक्ति पूर्ण कवियों और कविताओ से सम्पर्क करवाया जायेगा जिससे सदस्यों में भारत निर्माण की भावनाएं जागे। ट्रस्ट द्वारा गायक और कथा वाचक विनोद सागर,संगीत साधना को समर्पित उमा स्वामी और समाज सेवा को समर्पित विभिन्न लोगो का सानिध्य दिया जा रहा है।
     बेनाम दास ने देशभक्ति का परिचय देते हुए कविता"ये भारत नही नाम मात्र देश का चरण पर नमन करते हैं लोकतंत्र के प्रहरी यहाँ सुनाई जो भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताती है। दूसरी कविता" जाग रहे हैं सोने वाले हिंदुस्तान की गोली से,भाग रही बुराइयाँ हिंदुत्व की बोली से "ये कविता सुनकर हिन्दू धर्म को सर्वश्रेस्थ धर्म बताया।बेनामदास ने बताया उनका काव्य संग्रह प्रकाशन में है। उनकी रूचि प्रकाशन मइ कम और मंच पर कविताये सुनाने में ज्यादा है। लगातार देशभर में होने वाले राष्ट्रिय कवि सम्मेलनों में उनकी भागीदारी होती रहती है। कार्यक्रम में विजय पाल टोक्सिया 'प्यासा' और लखवीर भुल्लर ,रामकरण पूनम प्रजापति(यथार्थ)ने भी कविताएँ सुनाई।
         ट्रस्ट निदेशक संतलाल खण्डेल वाल ने बताया आगामी समय में मासिक कवि सम्मेलन सुर कवि से मिलन के कार्यक्रम समय समय पर होते रहेंगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement