रायसिहनगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत जलबंध शौचालय के निर्माण के लिए सरकारी अनुदान का बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। मामला रायसिहनगर पंचायत समिति का से जुड़ा हुआ है। जानकार सूत्रों के अनुसार रायसिहनगर मे अब तक कुल 47 पंचायतों में से 22 ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है लगातार कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय अधिकारी भी विवादों में है शुक्रवार को हुए हंगामे के बाद जिला प्रशासन की आखे खुल गई है।
मिली जानकारी के अनुसार रायसिहनगर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत गंगुवाला में 90 प्रतिशत से भी अधिक फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिला परिषद् ने इस मामले में जांच के लिए टीम का गठन किया था। टीम गठन के साथ ही जांच के लिए लिए पहुंची टीम ने जब गांव मे सर्वे करना शुरू किया गया तो ग्राम पंचायत सरपंच व सचिव के कारनामे खुलकर सामने आ गए। हालांकि जिला प्रशासन ने इस रिपोर्ट को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है।
पंचायत समिति रायसिहनगर मे ओडीएफ के नाम पर घोटाला
स्थानीय अधिकारियों पर गाज गिरनी शुरू
परत दर परत सामने आ रही है प्रशासनिक लापरवाही
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट जिला परिषद् के कार्यकारी अधिकारी विश्राम मीणा के दफ्तर पर पहुंच गई है इस फर्जीवाड़े से बचने के सचिव व सरपंच अब जुगाड़ में जुट गए हैं ग्रामीणों की माने तो जांच रिपोर्ट आने मे अभी समय लग सकता है लेकिन अगर वास्तविकता की बात करें तो ग्रामीणों के नाम पर इस योजना के तहत लाखों रुपये का भुगतान उठा लिया गया है जबकि खाताधारकों को इसका पता ही नहीं चला।
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