हनुमानगढ़। आज संयुक्त संघर्ष समिति व जितेन्द्र सारस्वत में सैकड़ों अधिवक्ताओं ने जिला कलक्टैट पर प्रदर्शन कर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा जिसमें मांग की गई कि 3 मार्च को शेरगढ के पास एक ओवरलोड़ जीप ने ट्रक में टक्कर मारी जिससे 17 लोगों की मृत्यु हो गई। इस भीषण दुर्घटना का इलाके के सभीलोगों को दु:ख है। पुलिस कर्मियों केद्वारा निष्पादित कर्तव्यों के प्रति भी दुख है। मेगा हाइवे पर पिछले करीब 20 वर्षो से जीपें सवारियां ढोने का नाजायज काम कर रही है जिससे राज्य सरकार को आर्थिन हानि तो है ही, इसके साथ साथ इन जीपों में बैठने के वाले लोगों को कभी कभी जान से हाथ धोना पड़ता है और पीछे उनके परिवार वालों को भी संकट का सामना करना पड़ता है। बड़े दुख का विषय है कि इन अवैध जीनों पर आज तक नही रोका गया। महोदय रावतसर और हनुमानगढ़ के बीच चलने वाली जीपों में 7 जीपें तो पुलिस कर्मियों की है। रावतसर से हनुमानगढ़ के बीच ये जीपे पांच थानों के सामने से होकर गुजरती है। इन थानों में थानाधिकारियों ने इन्हे कभी भी रोकने का प्रयास नही किया। यह प्रयास इस लिये नही किया गया क्योकि इनसे बहुत बड़ी रिश्वत इन थानाधिकारियों को मिलती थी। पुलिस अधिकारियों की अनदेखी की वजह से यह भीषण दुर्घटना हुई। सरकार और जिला प्रशासन ने इस दुर्घटना में शामिल पुलिस कर्मियों पर प्रभावी कार्यवाही नही की। अब भी जिले में जीपों द्वारा अवैध रूप से सवारियां ढोने का काम चल रहा है। जिले में बच्चों की कुछ स्कूल बसे अवैध रूप से संचालित हो रही है जिले में स्कूल प्रबंधन लोग प्रभावशाली है। समिति ने चेतावनी दी है कि अगर तुरंत प्रभाव से पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही नही की गई तो चक्काजाम व आन्दोलन होगे। इस मौके पर पूर्व अध्यक्ष उग्रसैन नैण, जाकिर हुसैन, मधुसुदन शर्मा, बार संघ उपाध्यक्ष रामनारायण बिश्रोई, रघुवीर वर्मा, मनोज शर्मा, सुरेन्द्र शर्मा, राजेन्द्र पारीक, कृष्ण कुमार मिढ़ा, हरिमोहन महर्षि, शंकर सोनी, देवीलाल भाम्भू व अन्य अधिवक्ता मौजूद थे।
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