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राजस्थान सरकार- नवचयनित व्याख्याताओं का धरना लगातार जारी,सबका सवाल कब देगी सरकार नियुक्ति ?


राजस्थान । राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा स्कूल व्याख्याता परीक्षा एक लंबे समय पश्चात भी अंतिम चरण तक नहीं पहुंची। नियुक्ति की मांग को लेकर नवचयनित व्याख्याता बीकानेर शिक्षा निदेशालय के आगे धरना देकर बैठे हैं, पर ष्अफसरशाही के कानों पर जू तक नहीं सिरकती। कङकङाती ठण्ड से लेकर  चिलचिलाती धूप तक इस धरने को आज रविवार तक कुल 73 दिन हो गये, पर इन नवचयनित व्याख्याताओं की सुध लेने वाला कोई भी अधिकारी या राजनेता नहीं आया।


ध्यांतव्य है की RPSC  ने सन् 2015 में स्कूल व्याख्याता की  13098 पदों की विज्ञप्ति जारी की थी, जिसका परीक्षा परिणाम नवंबर 2016 में आया था, तब आयोग ने 19 विषयों में से मात्र आठ विषयों को नियुक्ति दे दी थी लेकिन ग्यारह विषयों को नियुक्ति नहीं दी, कारण कुछ अचयनित अभ्यर्थी इस भर्ती को कोर्ट में ले गये। तब से यह भर्ती वहीं पर लटकी रही है।

जयपुर खण्डपीठ, जोधपुर उच्च पीठ व अब डबल बैच ने इस भर्ती का रास्ता साफ कर दिया और अपना निर्णय चयनित व्याख्याताओं के पक्ष में ही दिया। पर इस भर्ती की स्थिति आसमान से टपके खजूर पर अटके जैसी हो गयी, कोर्ट से निकल कर यह भर्ती अब SBC आरक्षण के मुद्दे पर आकर अटक गयी।

सरकार की नियत नहीं साफ

  हकीकत तो यह है की सरकार की नियत में ही खोट साफ नजर आता है।
   अगर सरकार चाहे तो SBC के मुद्दे पर 5% सीट आरक्षित रखकर शेष 95% अभ्यर्थीयों को नियुक्ति दे सकती है, पर सरकार ऐसा कुछ भी करती नजर नहीं आ रही।

क्या कहते हैं चयनित अभ्यर्थी

बीकानेर शिक्षा निदेशालय के समक्ष लगे धरने के प्रमुख ताराचंद(करन) पन्नू कहते हैं की हमें दीपावली का आश्वासन दिया था, लेकिन हमारी तो होली भी रंगहीन हो गयी। रायसिंहनगर से हिंदी के नवचयनित व्याख्याता नवीन गुरु कहते हैं की, सरकार हमारे साथ दोहरा व्यवहार कर रही है। पूनम चौधरी का कहना है की हमारे तो सब त्योहार नीरस हो गये।

कब मिलेगी नियुक्ति

इस विषय पर सभी मौन है। अब देखना ये है की 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट का क्या निर्णय आता है और फिर राजस्थान लोक सेवा आयोग व सरकार क्या निर्णय लेती है।लेकिन तब तक इन मासूम नवचयनित व्याख्याताओं को इस गर्मी में भी शिक्षा निदेशालय के समक्ष मजबूरन फुटपाथ पर सोना होगा।

हर स्तर पर प्रयास

ऐसा नहीं की नवचयनित व्याख्याता संघर्ष समिति-2015 ने कोई प्रयास में कमी रखी हो।
आंदोलन, धरना-प्रदर्शन, नारेबाजी, जुलूस, अनशन, ज्ञापन के अतिरिक्त फेसबुक व टविटर पर इस आंदोलन को बनाये रखा।

टविटर पर इस आंदोलन का हैस टैग काफी ट्रेड कर रहा है।
#SchoolLecturerPosting2015

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