शादीकार्ड पर गणेश भगवान की जगह छपी है अंबेडकर व बुद्व की तस्वीर
जयलाल वर्मा
चारणवासी। हिन्दू समाज के शादी के निमंत्रण पत्र कार्ड(कुंकूपत्री)में रिद्वी-सिद्वि के लिए सबसे पहले श्री गणेश की तस्वीर व वक्रतुण्ड महाकाय,सूर्यकोटी समप्रभ:निर्विघ्न कुरूमेंदेव,सर्वकार्येषु सर्वदा। लिखने की पम्परा वर्षो से चली आ रही है। ओर ये बात खास कर हिन्दू समाज में होने वाली हर शादी के कार्ड पर लिखी हुई होती हैं। लेकिन गांव चारणवासी के एक युवा ने अपनी शादी का अनोखा शादी कार्ड छपवाया है जो समाज व गांव चर्चा का विषय बना हुआ हैं। गांव के महेन्द्र पुत्र ओम प्रकाश मेहरा ने अपने शादी के कार्ड में सर्व प्रथम श्री गणेश की तस्वीर की जगह संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगवाई ओर कार्ड के अंदर अंबेडकर व महात्मा बुद्व की तस्वीर लगी हुई हैं। कार्ड के ऊपर ‘बुद्वम शरणम् गच्छामी ’ (बुद्व की शरण में जाओं)लिखा हुआ हैं। ओर अन्दर श्री गणेशाय नम: की जगह बुद्वाय नम:(बुद्व को नमस्कार) लिखा हुआ हैं। ग्रामीण परिवेश में ऐसा शादी कार्ड पहली बार छपा होने के कारण चर्चा का विषय बना हुआ हैं। दुल्हें महेन्द्र मेहरा ने ‘सीमा संदेश संवाददाता’ को बताया कि शादी कार्ड पर विनायक श्री गणेश की जगह पर महात्मा बुद्व व अंबेडकर का नाम व तस्वीर छपवाने के लिए परिवार के सभी सदस्यों से चर्चा की तो पूरे परिवार ने विचार को सराहनीय बताते हुए सहमति दें दी। युवा पीढ़ी संविधान निर्माता को दिन-ब-दिन भूलती जा रही है बस आज के जमाने में खास कर युवा पीढ़ी अंबेडकर जयंती पर ही याद करते है उन्य दिनों में ये महान पुरूष आम आदमी की जिंदगी से दूर हो जाते है। मेरा उदेश््य है कि जिस तरह हम हमारे कुल के देवी-देवताओं का स्मरण समय-समय पर करते है उसी के साथ -साथ अंबेडकर व महात्मा बुद्व को भी यादों में रखें। युवाओं में देश-भक्ति ओर देश प्रेम की भावना उतप्पन करना ही मेरा मकसद है। क्योंकि महात्मा बुद्व ओर अंबेडकर ने अपने समाज से हट कर बिना किसी स्वार्थ के समाज में फैली जात-पात,दहेज प्रथा,बाल विवाह अन्य कुरीतियों को मिटाने के प्रयास किए थे। आज ये ही कुरीतियां प्रचार-प्रसार के अभाव के कारण जिंदगी में पुन:पैर पसार रही है। उल्लैंखनीय हैं कि महेन्द्र ने शास्त्री तक की पढ़ाई की हुई हैं। महेन्द्र की सोच को सही व उचित मानते हुए उनकी पत्नी गायत्री पुत्री भागीरथ कांवलिया(संगरिया) ने भी शादीकार्ड पर अंबेडकर व महात्मा बुद्व की तस्वीर परिवार की सहमति से लगवाई है। नए जोड़े की सोच प्रेरणादायक व प्रंशसा योग्य है। घर प्रवेशद्वार पर अंबेडकर की तस्वीर लगी हुई है। ये सहरानीय काम करने के लिए डॉ.अंबेडकर संघ चारणवासी की ओर से नए जोड़े का पुरस्कृत किया जाऐगां व इस संदेश को आगे बढ़ाते हुए अन्य शादियों में भी ऐसा करने का समाज के सदस्यों ने संकल्प लिया है। गृह प्रवेश के बाद होने वाली रस्में नए जोड़े ने बाबा साहेब की प्रतिमा के सामने पूरी की।
बेटे की सोच पर गर्व
महेन्द्र के पिता ओम प्रकाश मेहरा ने बताया कि बेटे द्वारा समाज में बदलाव लाने के लिए अनूठी पहल शुरू की है मुझे गर्व है कि मेरा बेटा शिक्षित होने के साथ-साथ अपनी शादी में समाज को बदलने का संदेश दे रहा है। पूरा परिवार बेटे की पहल से खुश है।
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