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सच्ची श्रद्धा के आगे सोना-चांदी, हीरे-जवाहरात, धन-दौलत के ढ़ेर भी बेकार

हनुमानगढ़। जंक्शन की नई धान मण्डी में 27 फरवरी से चल रही श्री संगीतमय श्रीराम कथा के छठे दिन कथा वाचक परम विदुषी डॉ. राधिका दीदी जी हरीद्वार वाले ने कहा कि भगवान श्रद्धा-भाव के भूखे हैं। जो भक्त सच्ची श्रद्धा से भगवान को भजता है, सिमरन कर याद करता है भगवान जरुर उस भक्त की फरियाद सुनते हैं। नि:स्वार्थ भक्ति करने वाले भक्त को भगवान बिना कुछ मांगें ही सब कुछ दे देते हैं। परम विदुषी डॉ. राधिका दीदी जी ने यह विचार श्री राम भवन में चल रही दिव्य राम कथा के सातवें दिन श्रद्धालुओं के विशाल जनसमूह के समक्ष व्यक्त किए। परम विदुषी डॉ. राधिका दीदी जी ने कहा कि सच्ची श्रद्धा के आगे सोना-चांदी, हीरे-जवाहरात, धन-दौलत के ढ़ेर भी बेकार है। भगवान की सोने-चांदी, हीरे-जवाहरात व धन-दौलत से पूजा करने वाले भक्त पर भगवान बेशक प्रसन्न न हों, मगर जो भक्त श्रद्धा-भावना के साथ आंखों में आंसू लिए अपना दर्द भगवान को बताता है, उसकी व्यथा बेकार नहीं जाती। भगवान ऐसे भक्त की मनोकामना अवश्य पूर्ण करते हैं।परम विदुषी डॉ. राधिका दीदी जी जी ने कहा कि शबरी का निश्छल प्यार और सच्ची श्रद्धा के आगे भगवान नतमस्तक हो गए। भगवान राम चंद्र ने शबरी की सच्ची श्रद्धावश ही उसके  जूठे बेर तक बड़ी ही खुशी-खुशी खाए थे। शबरी का भगवान राम के प्रति समर्पण सच्ची श्रद्धा को दर्शाता है। जो भक्त शबरी की तरह सच्ची श्रद्धा से प्रभु राम चंद्र जी को याद करता है भगवान उस भक्त पर कृपा जरुर करते हैं। आयोजन समिति के सदस्यों ने कहा कि 27 फरवरी से 7 मार्च तक दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक होगी और कथा का समापन 8 मार्च को सुबह 10 बजे होगा।

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