श्रीगंगानगर । राजस्थान उद्योग रत्न पुरस्कार राज्य में स्थापित एमएसएमईडी एक्ट 2006 में एक्नोलेजमेन्ट/उद्योग आधार प्राप्त समस्त सूक्ष्म,लद्यु एवं मध्यम क्षेत्रा में स्थापित उद्यमों को प्रत्येक श्रेणी के लिये पृथक-पृथक राजस्थान उद्योग रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त उद्योग रत्न अवार्ड वर्ष के पूर्व के वर्ष में वस्त्रा मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों को राजस्थान बुनकर रत्न पुरस्कार तथा राजस्थान हस्तशिल्प रत्न पुरस्कार से पुरस्कृत किया जायेगा ।
जिला उद्योग केन्द्र की महाप्रबंधक श्रीमती मंजू नैण गोदारा ने बताया कि राज्य में उद्योग आधार प्राप्त समस्त सूक्ष्म,लद्यु एवं मध्यम क्षेत्रा में स्थापित एवं विगत तीन वर्षो से निरन्तर कार्यरत उद्यम पात्रा होगें। ऐसा कोई भी उद्यम पुरस्कार के लिये पात्रा नहीं होगा जो कि अपने उत्पाद के आरम्भ के बाद या वर्तमान में कभी भी किसी कारणवश कम से कम 6 माह तक बन्द रहा हो और उसके बाद पुनः चालू हो गया हो, परन्तु पुनः चालू होने के तीन वर्ष पश्चात् ऐसा उद्यम पुनः आवेदन करने के लिये पात्रा हो जायेगा। यह प्रावधान रूग्ण घोषित इकाईयों के लिये लागू नहीं होगा। आर्टीजन एवं बुनकरों की दशा में वस्त्रा मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये चयनित एवं पुरस्कृत आर्टीजन एवं बुनकर ही अवार्ड हेतु पात्रा होगें ।
राजस्थान उद्योग रत्न पुरस्कार हेतु पात्र इकाईयां अपना आवेदन पत्रा जिला उद्योग केन्द्र श्रीगंगानगर में 1 मई 2017 से 30 मई 2017 के मध्य प्रस्तुत कर सकती है ।
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