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ब्रेड और रस बेचकर चलाते अपना घर लेकिन साहस देखे किसी को खून की जरूरत हो तो दौड़ पड़ते हैं


केसरीसिंहपुर/सोमनाथ 
कहते हैं की रक्तदान सबसे बड़ा दान होता हैं । वहीं कस्बे के वार्ड 8 निवासी बाबू लाल ने अपने घर पर रविवार को रक्तदान कैम्प लगा कर 21 यूनिट रक्त संग्रहित करवाया । वहीं उनके इस कदम को लेकर हर जगह अच्छा संदेश गया हैं

हर वर्ष करते का रक्तदान केंप का आयोजन

 बाबू लाल हर वर्ष अपने विवाह की वर्षगांठ रक्तदान कैम्प लगाकर मनाते है । बिगत 18 वर्षो से ये कर्म बना हुआ है । उन्होंने अपने जीवन में  68 वी बार रक्तदान किया । 

दुल्हा बनकर भी रक्तदान कर लिए थे फेरे

अपने विवाह 18 वर्ष पहले 1999 में अपनी शादी में दूल्हा बनने के बाद रक्तदान करके ही फेरे लिए थे । वहीं इस साहसिक निर्णय ने समाज को रक्तदान के प्रति जागरूकता का संदेश दिया । वे अपने बच्चो के जन्म दिवस पर भी रक्तदान कैम्प लगाकर मनाते है । वही अपने साले के विवाह पर भी बारात रवाना होने से पहले रक्तदान कैम्प लगाया । इतना ही नही कस्बे में चलते फिरते रक्तदाता के रूप में उनकी पहचान है । 

ब्रेड और रस बेचकर चलाते अपना घर

साधारण से परिवार में ब्रेड और रस बेच कर जीवन यापन करने वाले बाबू लाल को रक्त की जरूरत होने की सूचना मिलते ही उपलब्ध करवाने हेतु दौड़ पड़ते है । तपोवन ब्लड बैंक श्री गंगानगर, बीकानेर एंव जयपुर में भी इनके सम्पर्क बन चुके है । 

अनेक संस्थाओ ने किया सम्मानित

कस्बे में अनेक संस्थाओं की ओर से उन्हें सम्मान्नित किया जा चुका है । उन्होंने मानव स्वास्थ्य सेवा समिति के माध्यम से सेवा का यह कार्य अनवरत जारी रखे हुए है । इस कार्य मे उनके परिवार के अलावा साथी भी सहयोग प्रदान कररए है । 

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