हनुमानगढ़। सयक संबुद्ध विहार सेवा समिति के तत्वाधान में बुद्ध पूर्णिमा 2580 वां महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर महाथेरो जगतानंद जी ने बुद्ध वंदना, त्रिशरण, पंचशील ग्रहण कराया। इस अवसर पर आज के युग में बुद्ध की शिक्षाओं के बारे में बताया। भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से मानव जीवन को कैसे जिया जाए उसके बारे में विस्तृत रुप से व्यायान दिया।
शांति, करुणा, मैत्री ,सद्भाव एवं विश्व बंधुत्व की सद्भावना का संदेश आज के कार्यक्रम में दिया गया। बुद्ध धर्म पर विस्तृत रुप से साधक, साधिकाओं को विपश्यना का आम जीवन में बड़ा ही महत्वपूर्ण स्थान है। इस संबंध में विपश्यना पद्धति के बारे में आयान दिया। मंच संचालन अमरजीत सिंह शाक्य ने किया।
कार्यक्रम में बचों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए एवं बुद्धम शरणम गछामि, संघम शरणम गछामि, धर्मेय शरणम गछामि के धर्म वंदना से ध्वनि उचारण से विहार गुंजायमान हो गया। इस अवसर पर खीर का प्रसाद एवं भोजन दान किया गया।
उपस्थित उपासक उपासिकाओ और गणमान्य व्यक्तियों ने समाज व राष्ट्र निर्माण हेतु संकल्प लिया व कुरीतियां आपनाकर बुद्ध की शिक्षाओं को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। शिक्षा एवं खेल जगत में उत्कृष्ट स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को समिति द्वारा समान प्रतीक भेट किया गया। इस मौके पर रविंद्र शाक्य ,जितेंद्र शाक्य, गंगा सिंह, सोहन लाल, प्रीतम सिंह, प्रदीप शाक्य, शिव दयाल शाक्य, रामबिहारी शाक्य, बाबूराम शाक्य, राम सिंह शाक्य, एवम सैंकड़ों सजनों ने व्यवस्था में भोजन की व्यवस्था की।
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