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यूपी का जनपद शाहजहांपुर बन रहा सरकारी भ्र्ष्टाचार का अग्रणी जिला, डीएम के जाते ही औकात पर उतरे पूर्ति कर्मचारी, कोटेदार ने डीएम की मीटिंग में खोली पूर्ति कर्मियों की धोती!

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आचार्य संदीपन
नेशनल नयी दिल्ली।  यूपी का जनपद शाहजहांपुर, जो कभी पत्रकार जगेंद्र की जघन्य हत्या के कारण बदनाम रहा, वो पुन: फर्जी मुकदमे व सरकारी भ्र्ष्टाचार को लेकर नाम कमा रहा है। ताजा मामला जंहा पुलिस द्वारा पत्रकार उदित शर्मा पर कोतवाल पुंवाया द्वारा गम्भीर धाराओं में फर्जी मुकदमे लाद देने का है वंही दूसरी और डीएम द्वारा कोटेदारों की बुलाई गई मीटिंग में कोटेदार के पति द्वारा पूर्ति विभाग के भ्र्ष्टाचार की बखिया उधेड़ने का सामने आया है। दरअसल जिलाधिकारी नरेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्र्तगत समस्त कोटेदारो की बैठक गांधी भवन प्रेक्षागृह में बुलाई गई थी।  

उक्त बैठक में  जिलाधिकारी ने कहा कि कोटेदार हमारे प्रशासनिक व्यवस्था के महत्वपूर्ण अंग है। उन्होंने समस्त कोटेदारो को स्पष्ट रूप से निर्देश दिये कि कोई भी कोटेदार किसी भी विभाग के अधिकारी/कर्मचारी को राशन वितरण सम्बन्धी किसी भी कार्य के लिये पैसा नही देगा यदि कोई अधिकारी/कर्मचारी पैसा की मांग करे तो सम्बन्धित कोटेदार सप्रमाण हमे सीधे बताये।

 ऐसे लोगो के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।इतना सुनना था कि जलालाबाद के गॉव गिरधरपुर की कोटेदार मीरादेवी पति अर्वेन्द्र सिंह यादव गुस्से में उठे और सीधे जिलाधिकारी के सामने पहुंच गये । रवेंद्र सिंह यादव ने जो पूर्ति विभाग तथा तेल डिपो की कमीशन खोरी की पोल खोलना शुरू किया तो इस विभाग तो क्या मौजूद एडीएम तक पसीना पसीना हो गए और सब कुछ जानकर खुद डीएम सकते में आ गए। 

अरवेंद्र ने खुलेआम भ्रष्ट अधिकारियों को नंगा कर दिया । कोटेदार पति ने जिलाधिकारी को बताया कि उसने 13 जून को शाहजहांपुर की RA नरीमन मिट्टी तेल डिपो हथौड़ा से 324 लीटर मिट्टी के तेल का उठान किया था । 324 लीटर तेल उसको घर तक ले जाने में 9 हजार रुपया का खर्चा आया । यादव ने  तेल के उठान में हुई कमीशन खोरी के बारे में खुल कर बताया ।


एडीएम और पूर्ति प्रबंधक ने कोटेदार को की चुप कराने की कोशिश ,हुए नाकाम

जब वह कमीशन खोरी के बारे में बता रहे थे  तो बैठक में मौजूद एडीएम् प्रशासन जितेन्द्र कुमार शर्मा तथा UPSEC के जिला प्रवन्धक राकेश सक्सेना ने उनको बोलने से रोकने की कोशिश की ।लेकिन कमीशन खोरी से भड़का हुआ कोटेदार शांत नही हुआ। वही जिलाधिकारी महोदय ने भी कोटेदार को बोलने का मौक़ा दिया । कोटेदार ने बताया कि उसने 324 लीटर मिट्टी के तेल में किस तरह से कमीशन खोरी हुई खुलकर बताया उसने बताया कि 324 लीटर मिट्टी के तेल के लिए 6400 रुपया कंट्रोल रेट का लिया गया ,2600 रुपया इस मिट्टी के तेल को घर तक ले जाने में खर्चा हुआ ।

2600 रुपया अतिरिक्त कैसे खर्च हुआ उसने बताया कि 1500 रुपया भाडा ,पूर्तिनिरीक्षक जलालाबाद नरेश कुमार के लिए 500 रुपया गए ,पूर्तिलिपिक मुल्ला जी ने 200 रुपया तेल निकासी के नाम पर लिया  ,50 रुपया प्रति ड्रम के हिसाब से 100 रुपया डिपो खर्चा लिया गया ,DSO साहब के  लिये 40 रुपया प्रति ड्रम के हिसाब से VVIP खर्चा मतलब 80 रुपया  इसके अलावा पूर्ति लिपिक पवन यादव के नाम पर 40 रुपया प्रति ड्रम VIP खर्चा मतलब 80 रुपया  पर लिया गया तथा 90 रुपया प्रति ड्रम लेबर खर्चा मतलब 180 रुपया लिया गया ।इस तरह उसे 2600 रुपया अतिरिक्त खर्चा करना पडा जबकि डी एम् साहब ने कहा कि 21 रुपया प्रति लीटर के हिसाब से ही उपभोक्ताओं से लिया जाय कोटेदार पति ने कहा कि जब उसको यह तेल 30 रुपया प्रति लीटर मिल रहा है

 तो आप ही बताएं कि वह किस रेट में उपभोक्ताओं को मिट्टी का तेल बांटे , कमीशन खोरी यहीं पर ख़त्म नही होती है भड़के कोटेदार ने RAनरीमन मिट्टी तेल डिपो हथौड़ा की भी पोल खोलते हुए बताया कि डिपो में लगी हुई मशीन से प्रति ड्रम 10 लीटर मिट्टी का तेल कम मिलता है डिपो पर लगी हुई मशीन में पहले से ही सिस्टम इस तरह किया गया है कि उससे प्रति ड्रम अर्थात 200 लीटर में 10 लीटर कम ही निकलता है ।कायदे में इस तेल डिपो की मशीन की जाँच भी की जानी चाहिए थी जब एस टी ऍफ़ टीम ने पेट्रोल पम्पों पर छापा मारा था उस समय उनको इन सरकारी तेल डिपो की मशीनों को भी चेक करना चाहिए था 

यह सुनने के बाद स्वयं जिलाधिकारी महोदय कोटेदार का जबाब नही दे पाए ।इस बीच जब उसने गला गोदाम की कमीशन खोरी के बारे में भी बताना शुरू किया तो तो जिलाधिकारी महोदय ने कोटेदार को आफिस में बुलाने की कह कर बैठक को समाप्त कर दिया और नाराज होकर चले गये ।


बैठक में डीएम ने पूर्ति कर्मियों को दिलायी घूस न लेने की शपथ, बाहर आते ही पूर्ति कर्मियों ने डीएम का उडाया मजाक और कोटेदारों से की बकाया पुरानी वसूली

बैठक में डी एम् साहब ने अधिकारियों को शपथ दिलवाई कि वह लोग रिश्वत नही लेंगे बैठक में मौजूद सभी अधिकारियों ने हाथ उठा कर शपथ ली लेकिन यह शपथ दो घंटे तक भी नही चल सकी बाहर आते ही पूर्ति विभाग के कर्मचारियों ने डी एम् साहब का मजाक बनाते हुए कहा वह रिश्वत अपने हाथ में थोड़ी ही लेते है रिश्वत का रुपया तो बाबू तथा ड्राइवर के माध्यम से ली जाती है रिश्वत न लेने की शपथ उन लोगो ने खाई है उनके अधीनस्थों ने नही खाई है और बहार निकलते ही कोटेदारों से पुरानी वसूली की गयी ।

 आप अंदाजा लगा सकते है कि डी एम् साहब इस विभाग पर रोक लगाना कितना मुश्किल है क्योकि इस खेल में सत्ता का भी बहुत बड़ा हाँथ होता है सत्ता चाहे जिसकी भी हो कोटेदारों को कमीशन सत्ता को भी देना पड़ता है इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) जितेन्द्र कुमार शर्मा, उपजिलाधिकारी सदर, रामजी मिश्रा, जिला खाद्य विपणन अधिकारी, गोदाम प्रभारी राकेश सक्सेना, आदि सहित जिले के दो शिफ्ट में आये कोटेदार उपस्थित रहें।

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