-केपी सोनी-
जयपुर । राज्य की भाजपा सरकार की क्या उलटी गिनती शुरु हो गई है? आज राज्यभर में पुलिस के जवानों द्वारा मैस का बहिष्कार करने से तो ऐसा ही महसूस हो रहा है। यह पुलिस के जवान क्या राज्य सरकार की पुलिस प्रणाली के किसी हिस्से में नहीं आते?
जरूर आते हैं ,वहां आते हैं जहां राज्य सरकार की पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी वातानुकूलित कमरों में बैठकर नहीं आ सकते! आईपीएस आरपीएस और अन्य वरिष्ठ बैच लगाने वाले अधिकारी कोई आदेश देते हैं तो इन छोटे कर्मचारियों को ही देते हैं फिर इनसे पंजाबी में कहा जाए तो वितरका यानी मतभेद वाला व्यवहार क्यों?
असल में राजस्थान की भाजपा सरकार छोटे कर्मचारियों को हमेशा से ही पीड़ित करती आई है। राज्य सरकार ने इन छोटे कर्मचारियों के प्रति कभी संवेदना नहीं रखी ।गोली खाने वाले सिपाहियों में सबसे आगे आज काली पट्टी बांधकर संघर्ष करने वाले लोग ही हैं ।बात चाहे आनंदपाल मुठभेड़ की हो या फिर किसी अन्य एंकाऊंटऱ की, गोली छोटे कर्मचारियों को ही लगी है !जब छोटे कर्मचारी गोली खाने को तैयार हैं तो फिर वेतन पाने के लिए क्या-क्या करना पडेगा? भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार जरी सोच ले आगामीं वर्ष में चुनाव आने वाले हैं और कर्मचारियों के खिलाफ होेकर कोई सरकार बना सका हो यह आज तक राजस्थान में संभव नहीं हो पाया।
इसी बीच इन पुलिस कर्मचारियों की मैस का बहिष्कार के बीच गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया का बयान आया है, कि इस मामले में बैठ कर सोचना होगा!!! गजब का बयान दिया गृहमंत्री जी ने!! कोई आदमी अपनी रोटी का वहिष्कार कर रहे हैं, खाने का वहिष्कार कर रहे है ,उसके विषय में गृहमंत्री जी बैठकर सोचेंगे गजब!!!! चलिए गृहमंत्री महोदय आप बैठ कर सोचिए इन कर्मचारियों नें तो सोच लिया है अभी काली पट्टी बांध लेंगे, मैस का बहिष्कार करेंगे और अगर राज्य सरकार और कानून उनका साथ देता तो यह आपको बता भी देगें हैं कि यह आप वहिष्कार को किस स्तर पर ले जा सकते हैं ।चलिए इन की मजबूरियों का फायदा उठाइए और इनको और वेतन श्रंखला जो भी है वह न दीजिए, फिर देखिए जरा अगले वर्ष में होने वाले चुनाव में कितनी सीटें जीत पाते हैं आप और आपकी सरकार !!
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे