बेटों के कारण दो वक्त की रोटी के पड़े लाले,
धर्मशाला के कमरे में सर्द रातें गुजारने को मजबूर बुजुर्ग
हनुमानगढ़। आंखों से बहते आंसू व कंपकंपाते हाथों में पकड़ी लाठी ही अब उस बुजुर्ग का सहारा है। जिसका कभी शहर में नाम था उस आदमी को आज दो वक्त की रोटी के लाले पड़े हुए हैं। खाना मिलता है तो पेट की भूख शांत कर लेता है। नहीं तो भूखे पेट ही सो जाता है।
यह कहानी है जंक्शन की धानमंडी निवासी शिवजीराम (75) की। शिवजीराम ने बताया कि उसके दो बेटे हैं। एक पहले ही अलग हो चुका था। दूसरे लड़के भूषण के साथ वह रह रहा था। लेकिन दस दिनों पहले उसने भी मारपीट कर घर से निकाल दिया।
इससे पहले दोनों ने सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करवा ली। दुर्गा मंदिर समिति के पूर्व में कई बार अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष रह चुका शिवजीराम अब दुर्गा मंदिर धर्मशाला के एक कमरे में सर्द रातें गुजारने को मजबूर है। उसकी दर्दभरी दास्तां सुनकर हर किसी का मन पिघल जाए।
कभी शहर में करीब 40 वर्षांे तक लोहे की दुकान संचालित करने वाला चर्चित नाम वाला व्यक्ति आज घुट-घुट कर जीने को मजबूर है। शिवजीराम के अनुसार उसने अपने साथ हुए जुल्म के बारे में जंक्शन थाने में भी परिवाद दिया था लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जानकारी के अनुसार शिवजीराम शहर के संगठनों की ओर से संचालित की जाने वाली नेकी की रसोई में खाना खाकर अपना गुजारा कर रहा है।
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