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स्पेशल कवरेज श्रीगंगानगर : मुझे सजा क्यों.?,हर एक नागरिक पूछ रहा है सवाल,नगरपालिका गजसिंहपुर का हाल बेहाल


श्रीगंगानगर। गजसिंहपुर(गोरा बराड़) नगरपालिका मंडल व नगरपालिका प्रशासन में ठनी आ रही है , इसी के चलते आम नागरिकों के काम रुकने के साथ-साथ विकास कार्य ठप पड़े हैं । 

एक तरफ विकास कार्य ठप्प  से हैं वही अगर हो रहे हैं वह भी राजनीतिक दबाव की भेंट चढ़ कर घटिया सामग्री के उपयोग से तैयार किए जा रहे हैं । 

घटिया सामग्री उपयोग होने के विरोध में गजसिंहपुर वार्ड नंबर एक के पार्षद हैप्पी हुंद्ल ने इन कार्यों विरोद्ध में  इन कार्यो पर कई बार उंगली उठा दी । 


किंतु न तो नगर पालिकाअधिशासी अधिकारी के कान पर जूं रेंगी और ना ही पालिका अध्यक्ष पृथ्वीराज ने ही इन कार्यों की गुणवत्ता जांच करवा कर ठेकेदार के विरुद्ध कोई कार्रवाई की। 


गजसिंहपुर में "अंधी पीसे कुत्ता खाए" कहावत बिल्कुल सटीक बैठ रही है यहां विकास कार्यों में घटिया सामग्री उपयोग,

आम नागरिक के कार्य न होना,यहां तक कि आम नागरिक को दुत्कार कर कार्यालय से बाहर निकाल देना, 
आम बात हो चुकी है नगर पालिका कार्यालय में पोपा बाई का राज है, 


यहां का हाल य़ह है कि अधिशासी अधिकारी, कनिष्ठ अभियंता और वरिष्ठ लिपिक तक को चपरासी कुछ नहीं समझते ।


वह उन्हें कानूनों का पाठ पढ़ा कर चुप  तक करवा देते हैं । 
वहां जाकर आम व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि नगर पालिका चपरासी पद से पदोन्नत होकर बने बाबू और वर्तमान के चपरासियों के सहारे ही चल रही है । 


वहां अधिकारी तो केवल मिट्टी का माधो मात्र है । 


चपरासी से बाबू बनाएं के एक बाबू की चर्चाएं चहुँओर है। 
हालांकि अभी जिस  बोर्ड बैठक के दौरान चपरासी से बाबू बनाने का एजेंडा पारित हुआ था वह राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित नहीं हुआ है । फिर भी इस इस चपरासी बाबू का पारा सातवें आसमान पर है । इस कथित बाबू और  नीचे तबके प्रशासन से भाजपा बोर्ड भी परेशान है  किन्तु वह मन मसोस कर बैठा है । इन कर्मियो की दहशत का आंदाजा इस बात से हो जाता है  की अधिकतर पार्षद और पालिका उपाध्यक्ष गौरव सोनी सत्ता से धाप गए है और नगर पालिका चपरासियों को काम कहने से कतरा रहे हैं ।  वे कार्यलय में कम ही नजर आते है । 


क्योंकी चपरासियों से बाबू बने कर्मियों की ऑफीस में तुति बोलती है और बेचारे अधिकारी चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे ।  लोग इनके कारण इस बोर्ड को सबसे निकम्मा बोर्ड कहने लगे है । और बोर्ड मेम्बर सुनकर कर भी कुछ नहीं कर पा रहे । 


इस बोर्ड का भगवान ही तारणहार हार है क्योंकि सत्ता में होकर भी भाजपाई विपक्ष में नजर आ रहे है ।

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