जोधपुर : अधिवक्ता सीताराम की दलीलों का असर, ए एन एम भर्ती परीक्षा 2016 में याचिकाकर्ताओं के पद आरक्षित रखने का आदेश


राजस्थान । गजसिंहपुर (सुरेंद्र गौड़) श्रीगंगानगर घड़साना निवासी माया देवी और सुखचैनपुरा विजयनगर निवासी सुमित्रा देवी और एक अन्य जाचिका कर्ता की याचिका पर  माननीय राजस्थान उच्च न्यायलय ने  एक आदेश जारी कर  उनके लिए पद आरक्षित रखने के आदेश दिए है वहीँ राज्य सरकार को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है ।


उच्च न्यायलय के अधिवक्ता सीताराम गोदारा द्वारा बताया गया है कि परिवादियो द्वारा 28 जनवरी 2016 को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1789 पदों हेतु प्रकाशित विज्ञापन के अन्तर्गत आवेदन किया था ।


इस पर मैरीट माननीय न्यायालय के आदेश अनुसार जिला स्तर पर निकाली गई।  जो अलग-अलग जिलों में वर्गवार अलग-अलग कट ऑफ रही । याचिका  कर्ताओं द्वारा श्री गंगानगर जिला के अलावा अन्य जिलों में भी पसंद भरी गई परंतु मेरिट लिस्ट फाइनल करते हुए श्री गंगानगर जिले की लिस्ट उनका नानसिलेक्टेड नाम उल्लेखित है ।


जबकि दूसरे जिले में मेरिट कम होने पर भी याचिकाकर्ता का चयन नहीं किया गया न ही वर्गवार आरक्षण का ध्यान रखा गया। 16 अक्टूबर 2017 को  रीवाइज लिस्ट जारी की गई जिसमें नागौर जिले में कुल 274 में 12 एस सी अभ्यार्थियों का  चयन किया गया और बीकानेर में 41 में से मात्र 1 अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी को  ही चुना गया ।


इस भर्ती प्रक्रिया में बड़े स्तर पर गड़बड़ी को देखते हुए अधिवक्ता सीताराम गोदारा की दलीलों को स्वीकार करते हुए माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायधिपति श्री दिनेश मेहता ने श्री गंगानगर जिले में वर्गवार प्रार्थियों के तीन पद खाली रखने का आदेश करते हुए राज्य सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 23 नवंबर की है

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