गुरजंट सिंह के सामने दावेदारी नहीं जताऊंगा-प्रदीप खीचड़

श्रीगंगानगर। विधायक गुरजंट सिंह बराड़ मेरे राजनीतिक गुरु हैं, उनके सामने बीजेपी टिकट की दावेदारी नहीं जताऊंगा। ये कहना है सादुलशहर नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप खीचड़ का। श्री खीचड़ कल रात को 9 बजे पत्रकार गोविंद गोयल के साथ फेसबुक पर लाइव सवालों के जवाब दे रहे थे। श्री खीचड़ को सादुलशहर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी टिकट का दावेदार माना जाता है। श्री खीचड़ ने कहा कि गुरजंट सिंह बराड़ ने किसी ओर के लिए टिकट मांगी तो वे अपना दावा प्रस्तुत करेंगे और उम्मीद है पार्टी उस पर गंभीरता से गौर भी करेगी। उनका दावा था कि नगर पालिका ध्यक्ष के नाते उन्होने सादुलशहर को रोल मॉडल बनाया। जिसकी पहचान पूरे संभाग मेँ है। अगर अवसर मिला तो इसी तरह का विकास पूरी विधानसभा क्षेत्र मेँ करवाने की तमन्ना है। अभी क्या काम होने बाकी विधानसभा क्षेत्र मेँ? इसके जवाब मेँ श्री खीचड़ बोले कि इस बारे मेँ कुछ कहना मेरे लिए उचित नहीं। आपने कितनी बार विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया और क्या काम करवाए? श्री खीचड़ बोले, जब जहां जिसको मेरी जरूरत होती है, जाता हूँ। जो मेरे पास काम को आया उसके काम करवाने का पूरा प्रयास करता हूँ। एक दर्शक की  इस बात  पर कि सरकारी दफ्तरों मेँ तानाशाही है, काम नहीं होता....श्री खीचड़ का कहना था, ऐसी कोई बात नहीं। आम आदमी के भी काम होते हैं। आपको बीजेपी टिकट क्यों दें, क्या खास बात है? श्री खीचड़ ने कहा कि वे लंबे समय से बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं। जो ज़िम्मेदारी मिली उसे बढ़िया ढंग से निभाया। इसलिए मेरा दावा मजबूत है। इतने बड़े बड़े दावेदारों के बीच मेँ, आपकी दावेदारी का क्या महत्व है? उनका जवाब था, ये पार्टी को सोचना है। श्री खीचड़ ने कहा, सादुलशहर विधानसभा क्षेत्र की सीट सिख सीट नहीं है। पहला विधायक जाट समाज का ही था। श्रीगंगानगर मेँ मेडिकल कॉलेज  से संबन्धित एक दर्शक के सवाल के जवाब मेँ श्री खीचड़ बोले, हालांकि ये प्रश्न के लायक मेरा कद नहीं है, फिर भी इतना कहूँगा कि कभी इस लायक बना तो जरूर करूंगा। आपको टिकट मिली तो क्या गुरजंट सिंह बराड़ परिवार आपका साथ देगा? हां, क्यों नहीं, श्री खीचड़ ने कहा।मुझे पूरा विश्वास है कि मुझे उनक आशीर्वाद मिलेगा। उनका कहना था कि बीजेपी जिसको भी टिकट देगी उसके साथ जी जान से लगेंगे। उन्होने अपने समर्थकों से टिकट के लिए दुआ करने की अपील भी की। प्रदीप खीचड़ से पूरी बातचीत सुनने और देखने के लिए क्लिक करें

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