नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की 2014 में हुई मृत्यु की विशेष जांच दल से जांच के लिये भाजपा नेता सुब्रमणियन स्वामी की याचिका की विचारणीयता पर आज सवाल उठाये और उनसे कहा कि उसे इस पहलू पर संतुष्ट किया जाये।
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ ने इस मामले में सुनवाई के दौरान भाजपा नेता से कहा कि उन्हें पहले न्यायालय को इस बात से संतुष्ट करना होगा कि क्या उनकी याचिका विचार योग्य है। स्वामी ने कहा कि यह जनहित का मामला है। उन्होंने दावा किया कि इस मामले में दिल्ली पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने में करीब एक साल का वक्त लगा और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार सुनंदा की अस्वाभाविक मौत हुयी थी।
पीठ ने स्वामी से कहा कि वह याचिका की विचारणीयता के सवाल पर पहले बहस करें और इसके साथ ही मामले की सुनवाई तीन सप्ताह के लिये स्थगित कर दी।
स्वामी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के पिछले साल 28 अक्तूबर के आदेश को चुनौती दी है जिसमे उसने सुनंदा पुष्कर की मृत्यु की जांच के लिये विशेष जांच दल गठित करने के अनुरोध वाली की याचिका खारिज कर दी थी।
सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी, 2014b को दिल्ली के एक पांच सितारा होटल के एक सूइट में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत मिली थीं।
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