जयपुर। योगीराज श्यामाचरण मिशन द्वारा 23 जनवरी, मंगलवार को हरिश्चन्द्र माथुर, राजस्थान लोक प्रशासन संस्थान में राजस्थान प्रशासनिक सेवा एवं अन्य राज्य सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए क्रियायोग विषय पर विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा। जिसमें मिशन की संस्थापक कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती जयती कपूर अधिकारियों को क्रियायोग पर व्याख्यान देंगी। यह सत्र शाम 4.15 से 6.00 बजे तक रहेगा।
श्रीमती कपूर ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य अधिकारियों को क्रियायोग के शाश्वत आध्यात्मिक महत्त्व से अवगत कराना है, जिससे वे अपने लम्बे सेवा काल में आने वाली चुनौतियों, तनाव से मुक्त होकर आम आदमी के कल्याण के लिए क्रियान्वित की जा रही सरकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन करने में सहभागी बन सकें।
उन्होंने बताया कि योगिराज श्यामाचरण लाहिडी ने क्रियायोग को पुनः स्थापित किया था, और यह आत्मबोध और मोक्ष का एक वैज्ञानिक और तर्कसंगत मार्ग है। उन्होंने कहा कि क्रियायोग पूर्णतः वही क्रियायोग है जिसका वर्णन पतंजलि योगशास्त्र में मिलता है एवं यह वही राजयोग है जिसका उल्लेख भगवान श्री कृष्ण द्वारा भगवत् गीता में किया गया है।
श्रीमती कपूर ने कहा कि क्रियायोग के मूल स्तोत्र, योगिराज श्यामाचरण लाहिडी द्वारा पुनः स्थापित क्रियायोग, जनमानस द्वारा परमशांति एवं आनन्द प्राप्त करने के लिए एक आशा की किरण है। इसके अभ्यास से मानव अपने व्याध, व्यथा एवं सन्ताप से मुक्त होकर समभाव स्थिति को प्राप्त कर सकता है।
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