मायड़ भाषा संघर्ष:- अब आर-पार की लड़ाई में मान्यता मिलेगी या होगा प्राणांत


राजस्थानी भाषा की मान्यता हेतु केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मिला प्रतिनिधिमंडल
नई दिल्ली/पीलीबंगा।  मायड़ भाषा राजस्थानी छात्र मोर्चा के प्रदेश सरंक्षक डॉ. उमेद सिंह सेतरावा के नेतृत्व  में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को उनके दिल्ली निवास पर राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता हेतु ज्ञापन सौंपा। 





प्रतिनिधि मंडल ने राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु विचार-विमर्श किया।वरिष्ठ राजस्थानी साहित्यकार देवकिशन राजपुरोहित ने कहा कि इस बजट सत्र में राजस्थानी भाषा को मान्यता मिल जानी चाहिए अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे 19 मार्च को जंतर मंतर के समक्ष आमरण अनशन करेंगे।देवकिशन राजपुरोहित ने बताया कि 31 जनवरी को राज्यपाल के माध्यम से उन्होंने आमरण अनशन की सूचना राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को भिजवा दी है।





राजस्थानी छात्र मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राम रतन लटियाल ने कहा कि बजट सत्र के दौरान मोर्चे के पदाधिकारी राजस्थान के लोकसभा तथा राज्यसभा के सांसदों से व्यक्तिगत मुलाकात कर रहे है तथा उन पर दबाव बनाएंगे।





 प्रतिनिधिमंडल में राजस्थानी छात्र मोर्चा, राजस्थान कोर कमेटी डॉ. उमेद सिंह सेतरावा डॉ. गौरीशंकर निमिवाल,डॉ. रामरतन लटियाल,प्रदेश अध्यक्ष कप्तान बोरावड, प्रदेश महामंत्री,सरपंच रमणीक सिंह शामिल थे।





राजस्थानी छात्र मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक गहलोत ने कहा कि अब आर-पार की लड़ाई होगी।यदि इतने स्पष्ट बहुमत के बाद भी अगर सरकार राजस्थानी के बारे में नहीं सोचती है तो आने वाले समय में सरकार को खामियाजा भुगतना होगा।

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