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लोगस्स कल्प अनुष्ठान 25 मार्च को

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रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,बीकानेर(जयनारायण बिस्सा)।  ‘जैन धर्म में मंत्रों का एक खजाना है। अनेकों  मंत्र का प्रयोग काफी लोग करते हैं, उस मंत्र में एक मंत्र है: लोगस्य कल्प  मंत्र’। इस मंत्र के आगे बीज मंत्रों का प्रयोग हुआ है इसलिए इसको लोगस्स  कल्प कहते हैं। यह विचार मुनिश्री शान्तिकुमारजी ने एक संगोष्ठी में  बताया।महिला मण्डल की अनुष्ठान प्रभारी सुमन छाजेड़ ने बताया कि ये अनुष्ठान  गंगाशहर स्थित तेरापंथ भवन में होगा। 

प्रवचन पाण्डाल में पांच स्वास्तिक  बनाकर उसमें जो महिलाएं अपने गणेश में आयेगी वह बैठेंगी तथा जो पुरुष  अपनी गणवेश में आयेंगे वह स्वास्तिक के तीनों ओर घेरा डालकर बैठेंगे। छाजेड़  ने बताया कि इस अनुष्ठान के प्रति लोगों में एक आकर्षण है। अनेकों व्यक्तियों  ने  कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अपना नाम मुनिश्री और साध्वीश्री को  लिखवाये है। 

इस अनुष्ठान में गंगाशहर के अलावा भीनासर, बीकानेर, उदासर से  भी अनेकों लोगों की अपनी स्वीकृति मिल रही है। छाजेड़ ने बताया कि  अनुष्ठान का समय रात्रि में 8 से 9 बजे तक रहेगा। जो भी महिलाएं एवं पुरुष  सहभागी बन रहे हैं वह समय से 10 मिनट पूर्व अनुष्ठान स्थल पर पहुंचेंगे। इस  संगोष्ठी में महिला मण्डल अध्यक्ष मंजू आंचलिया, रूचि छाजेड़, तेयुप के मंत्री  कन्हैयालाल बोथरा, कार्यक्रम प्रभारी जयन्त छाजेड़ उपस्थित थे। व्यवस्था  सुचारू रूप से चल सके इसके लिए दोनों परिषद अभी से जुटे हए हैं।

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