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हनुमानगढ़:-घर में दरार आई तो आँगन में खड़ी हो गई दीवार,कविता के विविध रंगों से सराबोर हुए श्रोता


रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,हनुमानगढ़। जंक्शन स्थित चाणक्य क्लासेज में मरूधरा साहित्य परिषद्  के तत्त्वाधान में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती भगवती ओम पुरोहित कागद ने की।गोष्ठी की विधिवत शुरूआत सरस्वती वंदना से हुई। युवा कवि हरजिन्द्र सिंह ने कविता चोर खिड़कियां सुनाई।विनोद यादव ने दरिया वगदे ने,पंछी उड़दे ने,पर झूठे मौजां करदे,सच्चे मच्चदे ने सुनाकर करारा व्यंग्य किया।

सुरेन्द्र शर्मा सत्यम ने अपनी मार्मिक रचना कुछ यूं पेश की जिंदगी की खेलनी है मुझ को भी कुछ पारियां,क्यों हुई मां कोख में ही कत्ल की तैयारियां।हरीश हैरी ने दरार आई तो टूट गई दीवार,घर में दरार आई तो आँगन में खड़ी हो गई दीवार सुनाई।मनोज देपावत ने ओम पुरोहित पर कविता सुनाई और जो मैं नारी नहीं होती तो तुम भी नर नहीं होते को तरन्नुम में सुनाया।

विनोद स्वामी ने थे थारी छात पर भाजो कोई बात कोनी,म्हारी छात पर भाजणो ना पिता लेईयो,का थे कोनी का म्है कोनी।डॉ.प्रेम धींगड़ा भटनेरी ने गो ज़िन्दगी का बोझ उठाया नहीं गया,पर हमसे ज़हर वहर भी खाया नहीं गया।जब  उसने अपनी प्यास को जाहिर नहीं किया तो जाम बनके हम से भी आया नहीं गया सुनाई।नरेश मेहन ने आओ धरती पर स्वर्ग बनाएं कविता सुनाई।गोष्ठी का संचालन नरेश मेहन ने किया।गोष्ठी में शिव पारीक,प्रदीप तिवाड़ी सहित अनेक गणयमान्य नागरिक उपस्थित थे।चाणक्य क्लासेज के निदेशक राज तिवाड़ी ने सब का आभार व्यक्त किया।

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