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ऑडियो वायरल में क्लीन चिट पर उठे सवाल


रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,बीकानेर। संभाग के सबसे बड़े अस्पताल पीबीएम के ही नर्सिग अधीक्षक  रामावतार द्वारा सफाई व्यवस्था को बदहाल करने के लिये सफाई ठेका कंपनी  के लोगों को सलाह देने और व्यवस्था को सुचारू करने के नाम पर रूपये ऐठने  के वायरल हुए ऑडियो को लेकर पीबीएम प्रशासन द्वारा दी गई क्लीन चिट  पर अब सवाल खड़े हो रहे है। बताया जा रहा है कि ऑडियो वायरल में नर्सिग  अधीक्षक का नाम ठेका कंपनी का ठेकेदार ले रहा है और उसी आधार पर  रामवतार भी उनसे बातचीत कर रहा है। उसके बाद भी मेडिकल कॉलेज  प्रशासन द्वारा बनाई गई कमेटी द्वारा नर्सिग अधीक्षक को क्लीन चिट देना  भ्रष्टाचार की ओर ईशाारा कर रहा है। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि इस डील में  मिलीभगती हुई है। जिसके चलते रामवतार के अधिकारों को कम कर  विभागाध्यक्षों को सफाईक र्मियों की हाजरी के लिये पाबंद किया है। इससे साफ  जाहिर है कि अब माहेच के साथ साथ विभागाध्यक्षों को इस लूट का हिस्सा  बना दिया गया है। 

क्या है माजरा
इस ऑडियों में नर्सिग अधीक्षक सफाई ठेकेदार व उनके सहायकों से सफाई  व्यवस्था को उनके कहे अनुसार चलाने की बात कहते हुए उनका काम होने  की डील कर रहे है। नर्सिग अधीक्षक कह रहे है कि वे उनके कहे अनुसार  चलेंगे तो कही परेशानी नहीं होगी। यहीं नहीं इस ऑडियो में रामावतार  ठेकानुसार रखे जाने वाले कार्मिकों की संख्या का निर्धारण करने और इसके  बदले कितने रूपये देने है उसकी डील करते सुनाई दे रहे है। इतना ही नहीं  रामवतार द्वारा कंपनी को ये भी आगाह किया जा रहा है कि किस तरह सफाई  कार्य को लेकर शिकायतों का दौर इन दिनों पीबीएम में चल रहा है। हांलाकि  मेडिकल कॉलेज प्राचार्य इस ऑडियो को गंभीर मानकर कार्यवाही की बात कर  रहे है वहीं नर्सिग अधीक्षक ऐसी किसी भी वार्ता से इंकार कर रहे है। 

विडियो होने का भी दावा
उधर एक जने ने नाम न छापने की शर्ते पर लॉयन एक्सप्रेस को बताया कि  नर्सिग अधीक्षक रामावतार माहेच और सफाई ठेका कंपनी संचालकों के बीच  रूपयों का लेन देन होने का एक विडियो भी उनके पास है। जिसे वे जल्द ही  जनता के सामने लायेंगे। ताकि लोगों का इस बात का पता लगे कि किस तरह  पीबीएम के जिम्मेदार अस्पताल व सरकार को बदनाम करने में लगे है। 

भ्रष्ट कार्मिकों पर कार्यवाही से क्यों कतरा रहा है प्रशासन
मेडिकल कॉलेज व पीबीएम प्रशासन सहित उनके अधीनस्थ अस्पतालों में  भ्रष्टाचार के अनेक मामले उजागर होने और उनकी सच्चाई सामने आने के बाद  भी पीबीएम प्रशासन व मेडिकल कॉलेज प्राचार्य आखिर क्यों इन दोषियों पर  इतने मेहरबान है। प्रशासन के आलाधिकारियों की ओर किये गये निरीक्षण में  पाई गई खामियों के बाद उनकी रिपोर्ट,मेडिकल कॉलेज में उपकरणों की खरीद   में पाई गई अनियमितताओं के दोषियों को आज तक कोई सजा नहीं मिली है।  चाहे डॉ अभिेषक क्वात्रा हो या डॉ एम आर बरडिया,चाहे रामावतार माहेच हो  या निजी लैबों से जांच करवाने वाले चिकित्सक किसी पर ठोस कार्यवाही नहीं  की गई। जो इस बात की ओर इंगित करता है कि इस सारे भ्रष्टाचार में पूरा  महकमा शाामिल है। जो सरकार की छवि को खराब करने में लगा है। 

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