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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सुनियोजित ढंग से लूटने की साजिश-परम नवदीप


संगरिया।(चिमन गर्ग)  पूर्व विधायक डॉ. परम नवदीप सिंह ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को सुनियोजित ढंग से लूटने की साजिश बताया है। आरोप लगाया है कि इस योजना की बदौलत किसानों का भला नहीं हो रहा। हनुमानगढ़ जिले के किसानों को आंदोलनात्मक कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। संगरिया विधानसभा क्षेत्र के किसानों को इस योजना ने बुरी तरह निराश और हताश किया है। कांग्रेस दुखी एवं पीडि़त किसानों के साथ है। किसानों को न्याय दिलाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष किया जाएगा। सरकार को किसानों को लूटने की छूट नहीं दी जाएगी। पूर्व विधायक ने संगरिया क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न गांवों के दौरे के बाद आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि गांवों में किसानों ने जो फीडबैक दिया, उससे साफ जाहिर है किसान फसल बीमा योजना के जरिए छले गए हैं। जबकि केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों की मदद के बड़े-बड़े दावे कर रही है। डॉ. परम नवदीप सिंह ने कहा कि सरकार, बीमा कंपनियों और बैंकों की मिलीभगत है। फसल बीमा योजना के प्रीमियम में मनमाने ढंग से हर साल बढ़ोतरी की जा रही है।  ऋणी किसान के लिए यह योजना अनिवार्य है। यानी किसान क्रेडिट धारक किसानों को इस योजना में आवश्यक रूप से जोड़ा जाता है। किसान की सहमति प्राप्त किए बिना ही प्रीमियम की राशि सीधे उनके ऋण खातों से काट ली जाती है। ऐसा करना उपभोक्ता हितों के खिलाफ है। कोई भी बीमा किसी व्यक्ति की सहमति के बिना नहीं किया जाता है लेकिन फसल बीमा इस मामले में अपवाद है, जिसमें किसान की सहमति की जरूरत भी नहीं समझी जाती। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों को राहत देने के स्थान पर उनके नाम पर फसल बीमा व जीवन बीमा में हो रहे भ्रष्टाचार की अनदेखी कर रही है। फसल बीमा करते समय किसानों से प्रीमियम तो एडवांस में वसूल लिया जाता है जबकि क्लेम का भुगतान लंबे समय तक नहीं किया जाता। हनुमानगढ़ जिले के किसानों को क्लेम के लिए दो-दो, तीन-तीन साल तक इंतजार करना पड़ा है।  

बटोर लिया मुआवजे से कई गुना प्रीमियम:- पूर्व विधायक ने कहा कि खरीफ व रबी की फसल से गत समय में बीमा कम्पनियों ने जितना मुआवजा फसल के खराब होने पर किसानों को दिया है उससे कई गुना ज्यादा राशि का प्रीमियम बीमा कम्पनियों ने किसानों के खातों से प्राप्त किया है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट से सरकार की इस योजना की सच्चाई सामने आ चुकी है।  इससे सिर्फ बीमा कंपनियों को करोड़ों का फायदा हुआ और इन कपंनियों ने अधिकतर मामलों में किसानों के बीमा के दावों को खारिज कर दिया। देश में बीमा कंपनियों ने बीते साल प्रीमियम से 22,180 करोड़ रुपये कमाए और किसानों को 12,949 करोड़ रुपये का क्लेम दिया।

सरकार खुद भरे बीमा योजना का प्रीमियम:- पूर्व विधायक डॉ. परम ने कहा कि भाजपा सरकार फसल बीमा योजना को किसानों के हित में बता रही है। अगर सचमुच ऐसा है तो सरकार स्वयं बीमा योजना का प्रीमियम भरे। फसल बीमा योजना के तहत मनमाना प्रीमिमय तो किसानों से वसूल कर लिया जाता है मगर फसल खराबे समय नुकसान का आकलन सही ढंग से नहीं हो पाता। गिरदावरी में एक किसान को ज्यादा मुआवजे का पात्र मान लिया जाता है जबकि उसके पड़ोसी किसान को कुछ भी नहीं मिल पाता।  

कांग्रेस सरकार बनने पर किसानों के हित में निर्णय:- पूर्व विधायक डॉ. परम ने कहा कि विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत कांग्रेस को मिलेगा। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनेगी। कांग्रेस सरकार बनने पर सबसे पहले किसानों के हित में निर्णय किए जाएंगे। प्रेस कान्फ्रेंस में एडवोकेट संजय आर्य भी मौजूद थे। 


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