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श्रीगंगानगर;-कांग्रेस के 50 साल के शासन में प्रदेश बीमारू रहा, हमने पांच साल में अग्रणी बनाया: राजे।


श्रीगंगानगर (जीएनएस न्यूज) जिले में गौरव यात्रा के दूसरे दिन सीएम वसुंधरा राजे ने सादुलशहर की धानमंडी में हुई जनसभा में कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमने पांच साल में वह काम कर दिखाया जो कांग्रेस अपने 50 वर्षों में नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि हमारे काम बोलते हैं और उनके पास केवल बहाने हैं।
अगर वे काम ही करते तो प्रदेश कब का अग्रणी राज्यों की कतार में खड़ा होता। उन्होंने कांग्रेस को कोसते हुए कहा कि वे चुनाव आते ही जातिवाद, मजहब और गरीबों की गरीबी की ओट लेकर राजनीति करने पहुंच जाते हैं। उन्होंने मंच से अपील की कि राज्य की 36 कौम हमारा परिवार है। किसी के बहकावे में न आएं। उन्होंने सभा में मौजूद लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम आपके प्यार के भूखे हैं। प्यार करते रहिए। काम हम करवाते रहेंगे।
सीएम दौरे पर लापरवाही : सुनीता चौधरी एपीओ
मुख्यमंत्री के जिलों के दौरे में लापरवाही आईएएस, आरएएस अफसरों पर भारी पड़ रही है। ढाई साल में मुख्यमंत्री के दौरे खत्म होते ही कलेक्टरों से लेकर जिला परिषद के सीईओ, एडीएम सहित अन्य अफसरों की रवानगी का आदेश जारी किया जा रहा है। इसकी जद में तीन कलेक्टर और छह आरएएस आ चुके हैं। मुख्यमंत्री के श्रीगंगानगर के दौरा खत्म होने से पहले ही शनिवार को नगर परिषद आयुक्त सुनीता चौधरी को एपीओ कर दिया गया है। उनका मुख्यालय कलेक्टर करौली के पास किया गया है। इससे पहले सीएम के करौली यात्रा के दौरान एडीएम राजनारायण शर्मा को एपीओ किया गया था। उससे पहले  मार्च 2018 में सीएम के श्रीगंगानगर दौरे के बाद जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्राम मीणा और राजस्व अपीलीय अधिकारी प्रेमाराम परमार को हटाने का आदेश कार्मिक विभाग की ओर से जारी किया गया। सरकार के आदेश के खिलाफ प्रेमाराम परमार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और हाईकोर्ट से बहाल हो गए। बाड़मेर में सीएम के दौरा खत्म होते ही 20 अक्टूबर 2015 को कलेक्टर मधुसूदन शर्मा को हटाकर प्रशासनिक सुधार विभाग में लगा दिया गया था। जून 2016 में सीएम का भीलवाड़ा दौरा हुआ था। उस दौरान सीएम के सामने ही तत्कालीन कलेक्टर डा.टीना कुमार और एक तत्कालीन प्रमुख सचिव भिड़ गए थे। उसके कुछ महीने बाद कलेक्टर को हटा दिया गया था। सीएम ने मई 2017 में करौली का दौरा किया। इस दौरान अव्यवस्थाओं को देखकर सीएम ने खूब नाराजगी जताई थी, जिसका असर रहा कि सीएम के जयपुर पहुंचते ही तत्कालीन कलेक्टर मनोज शर्मा को हटा दिया गया था। जिला परिषद के सीईओ दाताराम को तुरंत प्रभाव से डिमोट करके एसीओ बना दिया गया था। एडीएम नरेंद्र कुमार जैन को हटा दिया गया था।
कांग्रेस का 20वां सवाल : धरती पुत्रों पर लाठीचार्ज कर सीएम क्या गौरव महसूस करती हैं?
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचीन पायलेट ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बीसवां प्रश्न पूछा है। जनता ने अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग किए जाने पर भाजपा सरकार की ओर से लाठीचार्ज, आंसू गैस, रबर की गोलियां, हवाई फायर कर जनता का दमन करने पर क्या आप गौरव महसूस करती हैं? पायलट ने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले 57 महीनों में जिस प्रकार प्रदेश के विभिन्न वर्गों के निर्दोष नागरिकों का दमन किया है। शुक्रवार गंगानगर के सीसी हैड और समेजा कोठी पर धरना लगाकर सिंचाई पानी, फसल की कीमत के लिए मुख्यमंत्री से मिलने की मांग करने वाले किसानों पर जिस प्रकार लाठीचार्ज किया गया। उससे सरकार का निरंकुश चेहरा उजागर हो गया है।
मुख्य न्यायाधीश की सहमति बिना लोकायुक्त कानून में संशोधन गलत
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लोकायुक्त, उप लोकायुक्त संशोधन विधेयक को सदन में पास कराने को लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस के विधेयक को बिना नेता प्रतिपक्ष की राय लिए तथा सदन में चर्चा किए बिना पारित किया जाना सत्ता पक्ष की हठधर्मिता है। सरकार नियमों के विपरीत जाकर लोकायुक्त के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए अध्यादेश लेकर आयी थी, जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई है। विधानसभा में विधेयक पास कर बिना नेता प्रतिपक्ष, मुख्य न्यायाधीश की सहमति लिए विधेयक में लोकायुक्त का कार्यकाल पांच के बजाय आठ वर्ष कर दिया गया है। यह प्रावधान भी रखा गया है कि उक्त नियुक्ति को आगे भी बढ़ाया जा सकता है जब तक कि नई नियुक्ति ना हो।

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