भोपाल l प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस कार्यालयमें उनसे मिलने आये कुर्मी समाज के प्रतिनिधियों से कहा कि भाजपा विभाजन की राजनीति करती है। इसी राजनीति का दुष्परिणाम है कि अब जातियों में भी बंटवारा होने लगा है। विभाजन की राजनीति के दुष्परिणाम हमारे पूरे भारतीय समाज के लिये खतरे की घंटी है।
कमलनाथ ने कहा कि भाजपा ने अपने एजेन्डे के अनुरूप अब भोले-भाले आदिवासियों में भी विभाजन शुरू कर दिया है। कभी आपने कल्पना की थी कि आदिवासियों में भी उपजातियों के आधार पर विभाजन के बीज बो दिये जायेंगे? गौंड़ कोरकू, भील-भिलाला सभी उपजातियां तो आपस में मिलकर रहती आयी हैं। उन्होंने कहा कि यदि यही हाल रहा तो कल भाषा के आधार पर विभाजन होने लगेगा। हमारे त्योहार भी अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि यदि इसी तरह विभाजन के बीज बोये जाते रहे तो जरा सोचिये इसका अंत कैसा होगा? भारतीय समाज की अखंड एकता समाप्त हो जायेगी।
कमलनाथ ने कहा कि हम सभी भारतीयों को अब सावधान हो जाना चाहिये क्योंकि हमारा विश्वास सिर्फ एकता में है। एकता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने में ही भारतवासियों का हित छुपा है। कांग्रेस ने कभी बांटने की राजनीति नहीं की। यह पंडित जवाहरलाल नेहरू की सोच थी। उनके सामने भारत को एक रखने की सबसे बड़ी चुनौती थी। इस चुनौती को उन्होंने स्वीकार किया और भारत को एक रखा। इसलिये उन्हें दूरदृष्टा के रूप मंे पहचान मिली।
श्री नाथ ने कहा कि हमने प्रदेश में सर्वे कराया है। यह सर्वे चुनाव में प्रत्याशी चयन का सबसे बड़ा आधार होगा। उन्होंने कहा कि चुनाव में कई फैक्टर काम करते हैं। केवल सामाजिक प्रतिनिधित्व ही काम नहीं आता। यह देखना जरूरी है कि कौन सा समाज क्षेत्र में मजबूत है और उसमें भी सबसे मजबूत प्रतिनिधि कौन है। ऐसा मजबूत प्रतिनिधि जिसे बाकी समाज भी स्वीकार करता हो, जिसका व्यापक जनाधार हो और जिसके पीछे संगठन भी हो। अब यह रणनीति आपको तय करना है किस तरह अपने-अपने क्षेत्र में कांग्रेस को जिताना है।
इस अवसर पर कुर्मी समाज के प्रतिनिधियों के अलावा कांगे्रस उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर और प्रकाश जैन भी उपस्थित थे।
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