लखनऊ। 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में लगी समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका तब लगा जब पार्टी के कद्दावर नेता शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का गठन कर लिया है। शिवपाल का कहना है कि सपा के असंतुष्ट और दरकिनार कर दिए गए नेताओं के लिए ये सेक्युलर मोर्चा बनाया गया है। इसके साथ ही सेक्युलर मोर्चे में नेताओं के शामिल होने आ सिलसिला शुरू हो चुका है। इस बीच अखिलेश सरकार के कई मंत्रियों ने भी एक मोर्चे का दामन थाम लिया है। समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शारदा प्रताप शुक्ल भी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के सदस्य बन गए हैं।
वे लखनऊ के सरोजिनीनगर विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं। उनके साथ ही यूपी की पूर्व कैबिनेट मंत्री शादाब फातिमा ने भी समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ कर शिवपाल यादव का सेक्युलर मोर्चा ज्वाइन कर लिया है। शादाब फातिमा गाजीपुर से दो बार विधायक रह चुकी हैं। वहीँ पीस पार्टी के पूर्व विधायक कमाल यूसुफ ने भी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का दामन थाम लिया है। वे सिद्धार्थनगर जिले से कई विधायक चुने गए थे। बीती 29 अगस्त को शिवपाल यादव ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने की घोषणा की थी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने दावा किया था कि मुलायम सिंह यादव भी इस मोर्चे में शामिल होंगे। हालाँकि सेक्युलर मोर्चा बनने के बाद उठे सियासी भवंडर को थामने के लिए भी कोशिशें चल रही हैं लेकिन उनका कुछ असर होता दिख नहीं रहा है। सपा से कई नेताओं का सेक्युलर मोर्चे में शामिल होना जारी है। इसके पहले शिवपाल ने सपा से अपने रिश्ते खत्म करते हुए ट्विटर की बायो में खुद को समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के नेता बताया है जबकि पुराने प्रोफाइल में सीनियर समाजवादी पार्टी लीडर लिखा था।
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