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राजद का ये दावा: पासवान और कुशवाहा को महागठबंधन में शामिल करने के लिए बन रहा है रास्ता



पटना(जी.एन.एस) . लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर राजनीतिक दलों में जारी माथापच्ची के बीच राजद ने दावा किया है कि केंद्रीय मंत्रियों रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को महागठबंधन में शामिल करने के लिए रास्ता बनाया जा रहा है। रामविलास पासवान अपने बेटे चिराग पासवान की राजनीतिक सेटिंग के लिए महागठबंधन में आ सकते हैं। यह हमारा नहीं, राजद के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह का कहना है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि राजग के सहयोगी दोनों वरिष्ठ नेता महागठबंधन में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन उनके हिसाब से सीटों के तालमेल का काम अभी पूरा नहीं हुआ है।



दोनों केंद्र सरकार में मंत्री हैं। इसलिए उनकी हैसियत के हिसाब से उन्हें सीटें मिलनी चाहिए। उनकी अन्य अपेक्षाओं पर भी सकारात्मक विचार किया जा रहा है। रघुवंश ने पासवान और कुशवाहा की तुलना जीतन राम मांझी से करते हुए कहा कि मैं पहले कहता था कि मांझी और उनके पुत्र का मन राजग में नहीं लग रहा है, लेकिन मेरी बातों को लोग हवा में उड़ा रहे थे। आखिर तब माने जब मांझी ने पाला बदल लिया। अब पासवान और कुशवाहा को लेकर भी मांझी की तरह ही सोचा जा रहा है, लेकिन सचाई है कि जल्द दोनों इधर आने वाले हैं। 


रघुवंश ने दावा किया कि रामविलास अपने पुत्र चिराग के लिए चिंतित हैं। उन्हें अहसास है कि जमुई में चिराग को दिक्कत होगी। पुत्र मोह में उनका महागठबंधन में आना तय है।


चिराग को हमलोग सेट करने का प्रयास कर रहे हैं। पासवान परिवार के एक-दो अन्य सदस्यों के लिए भी जगह बनाई रही है। बात बन जाएगी तो उन्हें आते देर नहीं लगेगी। रघुवंश के मुताबिक कुशवाहा की भी एक-दो मांगें हैं, जिनपर सहमति बनाई जा रही है। वह भी ज्यादा दिनों तक राजग में नहीं टिकने वाले हैं। रघुवंश ने बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले राजद गांव और पंचायत स्तर तक संघर्ष समिति का गठन करेगा। 35 मुद्दों पर राज्य और केंद्र सरकारों के खिलाफ आंदोलन चलाएगा। अभी प्रखंड स्तर पर बैठकें चल रही हैं। इसके बाद गांव-टोले तक पहुंचना है। अक्टूबर में जिला और नवंबर में कमिश्नरी स्तर पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। जनवरी में जेल भरो आंदोलन होगा।

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