धनबाद(जी.एन.एस) संसाधनों की किल्लत के कारण मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के रडार पर चल रहे पीएमसीएच की मुसीबत एक बार फिर बढ़ गई है। मेडिकल कॉलेज की 50 सीटों पर मान्यता बरकरार रखने को संसाधनों का जायजा लेने पहुंची एमसीआइ की टीम एक बार फिर कई कमियों को पकड़ लिया। इसके कारण एक बार फिर कॉलेज की 50 सीटों की मान्यता पर खतरा बढ़ गया है।
सोमवार को एमसीआइ की तीन सदस्यीय टीम कॉलेज में संसाधनों का जायजा लेने पहुंची। इनमें नार्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग के प्रोफेसर डॉ. रवींद्र नाथ साहा, मेडिकल कॉलेज ऑफ बड़ोदा के कम्यूनिटी मेडिसीन के प्रोफेसर डॉ. वीएस मजूमदार और गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज हलद्वानी के एनाटॉमी विभाग के प्रोफेसर एके सिंह शामिल थे। दरअसल मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने पीएमसीएच को 50 सीटों पर संसाधनों में शीघ्र बढ़ोतरी करने की शर्त पर नामांकन का आदेश दे रखा है।
प्रबंधन द्वारा बताया गया है कि कॉलेज में आवश्यक संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं। इसी का जायजा लेने को एमसीआइ की टीम सोमवार को कॉलेज पहुंची। जानकारी के अनुसार टीम को कॉलेज में बहुत सारी सुविधाएं तो दिखीं लेकिन मैनपावर की कमी को अभी तक दूर नहीं किया जा सका है। आलम यह है कि कॉलेज में जूनियर और सीनियर रेजीडेंट की संख्या काफी कम गई है। अब यह बढ़कर 42 फीसद तक पहुंच गया है। इसे बड़ी कमी के तौर पर दर्ज किया गया। वहीं फैकल्टी की कमी आधी से ज्यादा दूर कर ली गई है।
पहले यह 42 फीसद पर था जो अब महज 22 फीसद कम है। शेष कमियों को भी शीघ्र पूरा करने का भरोसा दिया गया। इसके अलावा अस्पताल में केंद्रीकृत ऑक्सीजन प्लांट नहीं होने को भी कमी के रूप में दर्ज किया गया। भारत बंद के कारण मरीज भी मिले कम : एमसीआइ की टीम ने निरीक्षण के दौरान ओपीडी और इनडोर में भर्ती मरीजों की भी जानकारी ली। हालांकि सोमवार को भारत बंद के कारण अस्पताल में मरीजों की संख्या कम थी लेकिन एमसीआइ ने इसे भी बतौर खामी दर्ज किया।
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