नई दिल्ली(जी.एन.एस) देश में किसी भी क्षेत्र में नकदी संकट नहीं है। थोड़ी-बहुत नकदी की अनुपलब्धता यदि होती भी है तो यह उतने गंभीर स्तर पर नहीं है, जितनी प्रचारित की जा रही है। यह दावा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गर्वनर उर्जित पटेल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली एफएसडीसी की उच्च स्तरीय बैठक में किया।
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सेबी चेयरमैन, दिवाला व ऋणशोधन बोर्ड के चेयरमैन समेत पीएफआरडीए व आईआरडीएआई सरीखे सभी अन्य नियामक संगठनों के प्रमुखों की उपस्थिति वाली वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठक में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के सामने आ रहे नकदी संकट का मुद्दा उठाया गया था।
एफएसडीसी की 19वीं बैठक का आयोजन वर्तमान वैश्विक व राष्ट्रीय आर्थिक स्थिति और वित्तीय क्षेत्र के प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए किया गया था। सूत्रों के अनुसार, नकदी संकट नहीं होने की बात कहने के बावजूद आरबीआई गवर्नर ने सभी को आश्वस्त किया कि गैर बैंकिंग क्षेत्र की वित्तीय कंपनियों के लिए पर्याप्त नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
यह आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के विवादित बयान के बाद एफएसडीसी की पहली बैठक थी और पहली बार इसमें आरबीआई गवर्नर के साथ चारों डिप्टी गवर्नर भी भाग लेने पहुंचे थे। आरबीआई गवर्नर के इस बयान के बाद तय किया गया कि सरकार और सभी नियामक संस्थाएं परिस्थितियों पर नजदीकी से नजर रखेंगी और नकदी संकट पैदा नहीं होने देने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगी।
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