श्रीगंगानगर। माननीय सर्वोच्य न्यायालय के निर्णय के अनुसार पटाखों के निर्माण, विक्रय एवं उपयोग के लिए प्रतिषिद्ध आदेश जारी किए गए है। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पटाखों के लिए शौर मानक अभिनिर्धारित किए गए है। जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट ज्ञानाराम ने आदेशों की पालना के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए है।
जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट ज्ञानाराम ने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पटाखों के संबंध में लगाई गई शर्तां की पालना करनी होगी। किसी भी प्रकार के पटाखों का उपयोग रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक नही किया जावेगा। शान्त क्षेत्रा यथा अस्पताल, शैक्षणिक संस्थाए, न्यायालय, धार्मिक स्थलों व अन्य क्षेत्रा जिन्हे सक्षम अधिकारी द्वारा प्रतिषिद्ध घोषित किया गया है, से 100 मीटर की परिधी में पटाखों पर प्रतिबन्ध रहेगा। पटाखों के लिए शौर मानक के तहत प्रस्फोटन के बिन्दु से 4 मीटर की दूरी पर 125 डी.बी. (ए.आई.) या 145 डी.बी (सी.पी.के.) से अधिक शोर स्तर जनक पटाखों का विनिर्माण या उपयोग प्रतिषिद्ध होगा। लडी (जुडे हुए पटाखें) गठित करने वाले अलग-अलग पटाखों के उपर वर्णित सीमा को 5 लोग 10 एलडीबी तक कम किया जा सकेगा। उन्होने बताया कि समस्त शिक्षण संस्थाओं के प्राचार्य व प्रधानाध्यापक छात्रों को ध्वनी प्रदूषण व वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों के संबंध जागृत करेंगे व आवश्यक बिन्दुओं के बारे में जानकारी देंगे। यह आदेश 5 नवम्बर से 8 नवम्बर तक प्रभावी रहेंगे।
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