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#Expose #Special #Episode 01:- हनुमानगढ़ बीजेपी प्रत्याशी को ले बैठेंगे खुद के बोल!विवादों से रहा कार्यकाल में नाता!


हनुमानगढ़(कुलदीप शर्मा) प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है। हनुमानगढ़ में बीजेपी प्रत्याशी डॉ. रामप्रताप की खिलाफत देख कर हर कोई हैरान जरूर है लेकिन उसकी वजह भी लोग इन्हें खुद को ही मानते हैं। पिछले पांच वर्ष के बीजेपी शासनकाल में बीजेपी से विधायक रामप्रताप जल संसाधन मंत्री भी रहे है लेकिन बावजूद इनके ये खुद को विवादों से बचाने में नाकामयाब रहे। मंत्री रहते कई ऐसे कार्य हुए है जो काफी चर्चित रहे है जिनके चलते आमजन में मंत्री के प्रति आमजन का मोहभंग हुआ है।

आमजन में विस्वास में रहे जीरो...!
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कहा जाता है कि मंत्री रहते हुए आमजन से लेकर कई खास जनो के कार्य करवाने व करने में कम रुचि दिखाई थी। जिसकी वजह ये रही कि आमजन में नाराजगी साफ देखी गयी है। नाराजगी की आंधी इस तरह चली की बीजेपी के प्रत्याशी डॉ. रामप्रताप के खिलाफ जनता एकजुट होने लगी और विपक्षी दल में मिलना शुरू कर दिया। अब जनता के कार्यो को ना करवाने के चलते आमजन में विरोधाभास का नतीजा ही है कि माहौल बदलने लगा है

बोलने के सलीके से खफा है लोग...!
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बीजेपी के प्रत्याशी डॉ. रामप्रताप के बोलने व किसी व्यक्ति को सम्बोधन करने के तरीके व सलीके से एक नाराजगी का वातावरण बना हुआ है। जिसके चलते भी आमजन में नाराजगी साफ देखी जा सकती है। बोलने के सलीके को लेकर काफी बाते मीडिया में भी लगातार सामने आती रही है। सूत्रों की माने तो अबकी बार जनता बीजेपी प्रत्याशी को वोटो से सबक सिखाने के मूढ़ में नजर आ रही है। मंत्री रहे डॉ. रामप्रताप के बोलने के सलीके को लेकर दबी आवाज में विरोध होता रहा है। ऐसे कितने ही व्यक्ति है जो इन चीजों से खफा है जिससे जनता खुद अंदाजा लगाए हुए हैं।

कभी बड़े तो कभी छोटे विवादों में रहे घिरे...
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डॉ. रामप्रताप का पिछला कार्यकाल काफी बड़े व छोटे विवादों में ही घिरा रहा था।जिसके बाद मीडिया में छपी खबरों से आमजन में चर्चाओ का दौर शुरू हो चुका था। जिसका नतीजा अबकी बार चुनाव परिणामों में साफ देखा जा सकता है। कई ऐसे बड़े विवाद भी सामने आए की जिसके चलते विपक्षी दलों व आमजन ने मंत्री पद से इस्तीफे की भी मांग रखी थी।लेकिन जनता के प्रति उदासीनता के चलते डॉ. रामप्रताप आमजन को कुछ भी बताने से कतराते रहे।अपुष्ट सूत्रों की माने तो अधिकारियों पर भी पूरा रसूख रखा गया जिसके चलते वो वर्ग भी बीजेपी प्रत्याशी से बिल्कुल खफा चल रहा है। माना जा रहा है कि बीजेपी प्रत्याशी को अबकी बार अनुमानों से कहीं कम वोट आएंगे जो हार-जीत का फासला भी बढ़ा देंगे। 7 दिसम्बर को मतदान होना है और 11 दिसम्बर को चुनाव परिणाम आने है।

आओ करे संकल्प स्वच्छ करे राजनीति..
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रिपोर्ट एक्सक्लूसिव लगातार आमजन को सच्ची व सही विकास की खबरों से अवगत करवाता रहा है। बहुत बड़ा बोला जाता है लेकिन धरातल पर क्या कुछ हुआ वो साफ देखा जा सकता है। जिसको लेकर रिपोर्ट एक्सक्लूसिव स्वच्छ चुने को लेकर खबरे चला रहा है। आओ हम भी संकल्प ले कि अबकी बार ऐसे व्यक्ति को चुने जो आपके हितों की बात कर सके और आपके विकास में भागीदार बन सके। आपको याद दिलवा दे कि अगर आपको किसी उम्मीदवार पर भरोसा नहीं है तो अबकी बार आप ईवीएम मशीन में "NOTA" के बटन का भी प्रयोग कर सकते है।

खुलासे लगातार रहेंगे जारी...
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रिपोर्ट एक्सक्लूसिव की टीम प्रत्याशियों के विकास व उनसे जुड़े मुद्दों को खंगालने में लगी हुई है। विकास के दावो की क्या है हक़ीक़त पर भी हम आमजन तक खबरे लाते रहे है। आगे भी दो दिन दिनभर खबरों का फटाफट अंदाज आपको देखने को मिलेगा। हालांकि हमे भी पता है कि हम रिस्क पॉइंट पर बैठ कर आमजन के हितों की बात करते है।

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