Saturday, 16 March 2019

एफएम लॉजिस्टिक करेगी देश में एक हजार करोड़ रुपये का निवेश
नयी दिल्ली, (वेबवार्ता)। फ्रांस स्थित एफएम लॉजिस्टिक ने शुक्रवार को कहा है कि उसकी भारत में अगले पांच वर्षों में नये गोदामों की स्थापना करने के लिए 15 करोड़ डॉलर यानी करीब एक हजार करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना है। कंपनी ने कहा कि इस राशि का उपयोग बहु-ग्राहक भंडारगृह (मल्टी-क्लाइंट वेयरहाउस) बनाने के लिए किया जाएगा।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जीन-क्रिस्टोफ मैशेट ने कहा, मैं भारत की प्रगति से प्रभावित हूं और दीर्घकालिक वृद्धि का समर्थन करने के लिए यहां रणनीतिक निवेश करने की योजना बना रहा हूं। उन्होंने कहा, हम अपनी वृद्धि और विकास के बारे में आश्वस्त हैं, इसलिए हमने अपनी सुविधाओं को विकसित करने के लिए अगले पांच वर्षों में 15 करोड़ डॉलर की महत्वपूर्ण राशि का निवेश करने के बारे में निदेशक मंडल के स्तर पर निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि कंपनी की योजना चार महानगरों सहित पांच शहरों में विस्तार करने की है। उन्होंने कहा कि कंपनी को अगले वित्त वर्ष में देश में 10 प्रतिशत से अधिक दर से वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है। कंपनी ने गुरुग्राम के पास झज्जर में 31 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है। इसने कहा है, इन नई परियोजनाओं के साथ हम अगले 12 महीनों में 500 नौकरियों का सृजन करने का लक्ष्य रखते हैं। एफएम लॉजिस्टिक ने भारतीय परिचालन के लिये एलेक्जैंडर अमीन सौफियानी को प्रबंध निदेशक बनाने की भी घोषणा की।
Tags
# BUSINESS
# TRENDING NOW
Share This
About Report Exclusive
TRENDING NOW
लेबल:
BUSINESS,
TRENDING NOW
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
आपके सुझाव आमंत्रित
क्या कॉरपोरेट घरानों द्वारा चलाए जा रहे या पारिवारिक विरासत बन चुके मीडिया संस्थानों के बीच किसी ऐसे संस्थान की कल्पना की जा सकती है जहां सिर्फ पत्रकार और पाठक को महत्व दिया जाए? कोई ऐसा अखबार, टेलीविजन चैनल या मीडिया वेबसाइट जहां संपादक पत्रकारों की नियुक्ति, खबरों की कवरेज जैसे फैसले संस्थान और पत्रकारिता के हित को ध्यान में रखकर ले, न कि संस्थान मालिक या किसी नेता या विज्ञापनदाता को ध्यान में रखकर. किसी भी लोकतंत्र में जनता मीडिया से इतनी उम्मीद तो करती ही है पर भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में मीडिया के वर्तमान माहौल में संपादकों को ये आजादी बमुश्किल मिलती है. वक्त के साथ-साथ पत्रकारिता का स्तर नीचे जा रहा है, स्थितियां और खराब होती जा रही हैं. अब हम निष्पक्ष व् स्वतंत्र रूप से जुड़ने का काम करने का प्रयास कर रहे हैं.
No comments:
Post a comment
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे