हनुमानगढ़/चारणवासी।(कुलदीप शर्मा) गांव फेफाना की पुलिस चौकी में स्टाफ की कमी होने के कारण लोगों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं है। पुलिस चौकी में एक एएसआई,एक हवलदार व चार कांस्टेबल के पद स्वीकृत है। लेकिन पुलिस चौकी में तीन कांस्टेबलों के पर रिक्त होने के कारण तैनात पुलिसकर्मियों को परेशानी हो रही है। पुलिस चौकी में वाहन के नाम पर मात्र एक खटारा मोटरसाईकल है। जिसका बीस लीटर मासिक तेल निर्धारित है। वहीं फेफाना पुलिस चौकी के अधिन गांव रतनपुरा,जनानिया,मलवाणी, फेफाना, चारणवासी,पिचकराई,जसाना,मोधूवाळी ढाणी,चक नौ,सत्रह,बारह के.एन.एन व अन्य चकों,ढाणियों आती है। चौकी के अधिन आने वाले दूर-दराज के गांवों में जाने के अधिकांश रास्तें कच्चें होने कारण पुलिस को मोटरसाईकल से जाने में परेशानी होती है। चौकी के हवलदार मोहर सिंह व कांस्टेबल कुमारी नरेश का कहना है कि इतने बड़े क्षेत्र की जनता की सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी में 15 नफरी व चार पहिया वाहन होना चाहिए। ग्रामीणों ने बताया राज्य की सीमा पर स्थित चौकी आजादी से पहले की स्थापित होने के बावजूद सरकार की अनदेखी की शिकार हैं। चौकी में एक बार ही जीप दी गई थी जो पुन:थाने में लगा दी गई।
तीन तरफ हरियाणा सीमा:
फेफाना के सीमाव्रती गांव जनानिया पांच ,मलवानी से दस व रतनपुरा से चार किमी दूरी पर हरियाणा सीमा शुरू होती हैं। पुलिस के पास स्टाफ व संसाधनों की कमी का फायदा उठाकर तस्कर बेखौफ राजस्थान से हरियाणा में पोस्त व हरियाणा से राजस्थान में देशी शराब का धंधा जोर-शोर से कर रहे हैं। दुर्घटना व अशांत माहौल होने पर मोटर साइकिल पर महज दो ही पुलिस कर्मचारी घटना स्थल पर पहुंच पाते है। कई बार वाहन के अभाव मे पुलिस घटना पर नहीं पहुंच पाती है। सर्दी में पुलिस को मोटर साईकिल पर गस्त करने मे परेशानी होती हंै। कई बार अंशात माहौल होने पर पुलिस जाब्तें सहित जाती है तो जेब से किराया देकर वाहन ले जाना पड़ता है। जिससें पुलिसकर्मियों को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। क्षेत्र के लोग व जनप्रतिनीधि लंबे अर्से से पुलिस चौकी को थाना बनाने कि मांग कर रहे हैं। वहीं ग्रामीणों व युवा क्लब का कहना है कि जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा शीघ्र ही पुलिस चौकी में पर्याप्त स्टाफ व जीप की व्यवस्था नहीं की तो अप्रैल माह में आंदोलन किया जाएगा।
तामील पड़ती है भारी:
नोहर थाने क्षेत्र में हरियाणा,पंजाब,दिल्ली व अन्य राज्यों की तामील आने पर फेफाना पुलिस ही जाती है। ऐसी स्थिति में पुलिस चौकी का कार्य ओर ही प्रभावित होता है। चौकी में ऑफिस कार्य के लिए अलग कर्मचारी न होने के कारण नाम मात्र तैनात अकेली महिला कांस्टेबल कुमार नरेश पूरे दिन दस्तावेजों पर मोहर थप-थपाने में लगी रहती है। ओर एएसआई व हवलदार मामलों की जांच में लगे रहते है। वहीं उच्चधिकारियों को लोकसभा चुनावों को मद्येनजर रखते हुए संवेदनशील क्षेत्र के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने चाहिए।
ठंडे पानी की नहीं व्यवस्था:
पुलिस चौकी सरकार की अनदेखी का ही शिकार नहीं हुई। बल्कि भामाशाह भी चौकी में सुविधाए मुहैया करवाने में परहेज कर रहे है। पुलिस चौकी में ठंडे पानी की व्यवस्था तक नहीं है। पुलिसकर्मियों वफरियादियों को रूहे मटकों का पानी पीना पड़ता है। पुलिसकर्मियों को उस भामाशाह का इंतजार है तो चौकी में वाटर कूलर लगवा हर ठंडे पानी की व्यवस्था करवा देंवे।
मुस्तैदी से काम कर रही पुलिसचौकी में स्टाफ ओर संसाधनों की कमी है। लेकिन फिर भी पुलिस क्षेत्र में मुस्तैदी से कार्रवाही कर रही है। स्टाफ की आवश्यक्ता है। कई बार उच्चधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है। ओर गांव के भामाशाहों को पुलिस चौकी में जन सहयोग से सुविधाए मुहैया करवानी चाहिए - लाल बहादुर मीणा,एएसआई,फेफाना
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