हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ जिले के आबकारी अधिकारी सहदेव रतनू भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की छापामार कार्रवाई में तीस हजार की संदिग्ध राशि मिलने के कारण जांच के दायरे में आ गये हैं। छापा मारने वाली ब्यूरो की टीम जिला अबाकारी अधिकारी सहदेव रतनू, वरिष्ठ लिपिक कुलदीप छीम्पा और सूचना सहायक कर्मी सीमा मोदी से कुल मिलाकर जब्त की गई एक लाख 30 हजार की संदिग्ध राशि के बारे में रिपोर्ट तैयार कर ब्यूरो मुख्यालय को प्रेषित करने जा रही है।
इस रिपोर्ट पर विधिवत प्रकरण दर्ज होने के बाद आगे नये सिरे से जांच होगी। हनुमानगढ़ टाऊन में आबकारी कार्यालय पर सीकर से ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलप्रसाद की अगुवाई मेें आई टीम ने कल गुरुवार शाम को छापा मारा। कुलदीप छीम्पा से 95 हजार और सीमा मोदी से सात हजार की संदिग्ध राशि मिली। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलप्रसाद ने आज बताया कि कल देर रात तक चली कार्रवाई के दौरान जब जिला आबकारी अधिकारी सहदेव रतनू के कार्यालय को चैक किया गया और उनकी जामा तलाशी ली गई, तो तीस हजार की संदिग्ध राशि उनसे भी मिली। इस प्रकार कुल एक लाख 30 हजार संदिग्ध राशि के तौर पर जब्त किये गये हैं। पूछताछ करने पर यह तीनों ही इस राशि के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये। ब्यूरो ने रात को हनुमानगढ़ मेें कुलदीप छीम्पा व सीमा मोदी के घरों की सर्चिंग की, लेकिन कुछ विशेष नहीं मिला। सहदेव रतनू हनुमानगढ़ में किराये के मकान में रहते हैं। उनका जयपुर में भी आवास है और पैतृक गांव में भी घर है।
ब्यूरो ने उनके घरों की सर्चिंग नहीं की। इस बाबत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलप्रसाद ने कहा कि सर्चिंग करने का निर्णय रात को देरी से हो पाया, लेकिन तब तक सहदेव रतनू के परिवारजनों को ब्यूरो का छापा पडऩे का पता लग गया था। इसलिए सर्चिंग का कोई महत्व नहीं रहा। उन्होंने बताया कि इन तीनों के बैंक खातों की आगामी सोमवार को जांच-पड़ताल की जायेगी। छापे के दौरान कुलदीप की अलमारी में अंग्रेजी शराब की 21 बोतलें अवैध रूप से रखी हुई बरामद हुईं। ब्यूरो ने अपनी कार्यवाही मुकम्मल करने के बाद उसे टाऊन थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया। टाऊन थाना के सब इंस्पेक्टर लखवीर सिंह की ओर से कुलदीप छीम्पा पर अवैध शराब का मामला दर्ज किया गया।
आज कुलदीप को कोर्ट में पेश करने पर उसकी जमानत अर्जी स्वीकार कर ली गई। उल्लेखनीय है कि ब्यूरो को शिकायत मिल रही थी कि हनुमानगढ़ में जिला आबकारी विभाग कार्यालय में वर्ष 2019-20 के लिए जिन व्यक्तियों को अंग्रेजी व देसी शराब की दुकानों के लॉटरी के बाद लाइसेंस मिले हैं, उनसे दुकानों की लोकेशन पास करने की एवज में पांच से सात हजार की रिश्वत बटौरी जा रही है। इस पर सीकर से ब्यूरो की टीम गुरुवार को हनुमानगढ़ आई, जिसने पहले काफी देर तक कार्यालय में आने-जाने वालों पर नजर रखी। शाम लगभग पांच बजे छापा मारा, जब कार्यालय बंद होने वाला था।
आबकारी अधिकारी सहदेव रतनू और सीमा मोदी से ब्यूरो ने देर रात तक पूछताछ की। इसके बाद उन्हें छोड़ दिया। कुलदीप को अवैध शराब सहित पुलिस के हवाले कर दिया। ब्यूरो की इस कार्यवाही से शराब के नये दुकानदारों से रिश्वत वसूलने के खेल का भंडाफोड़ हुआ।
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