2 दिनों से फोन उठाने से कतरा रहे अधिकारी
खबर के बाद जेईएन पहुंचे निरक्षण करने
ट्रांसफार्मर के जगह से भी पड़ौसी किसानों ने जताई आपत्ति
बिना नियमो-कायदों के कनेक्शन देने से जुड़ा मामला!
हनुमानगढ़ विधुत महकमे में कुछ तो गड़बड़ है!
हनुमानगढ़(कुलदीप शर्मा) प्रदेश भर में फेल रहे भृष्टाचार से हर कोई परेशान हैं तो वही प्रदेश से लेकर देश भर में रोज एसीबी की हो रही कार्रवाई से खुद-ब-खुद गवाही दे रही है। वेसे ही विधुत विभाग में फैले भृष्टाचार को लेकर Report Exclusive पर खबर प्रकाशित की तो आमजन से लेकर राजनीतिक दलों का भी रुझान आना शुरू हो गया है। Report Exclusive ने शनिवार के दिन विधुत विभाग में फैले भृष्टाचार से जुड़ा मामला उजागर किया था जिसके बाद विधुत विभाग में खलबली मच गई और आनन-फानन में विधुत विभाग के जेईएन महेंद्र कुमार ने मक्कासर स्थित 3 एसटीजी में कृषक जयकिशन के खेत मे पहुंच निरक्षण किया। सूत्रों की माने तो जेईएन महेंद्र कुमार ने करीबन आधे घण्टे तक वही खेत मे रहकर पूरे मामले को समझने का प्रयास किया। तो वहीं सूत्रों की माने तो मामले में एईएन को रिपोर्ट सोंपे जाने की बात सामने आई है।
नियमों को दरकिनार कर कैसे मिला कनेक्शन!
इस पूरे मामले में नियमो की अनदेखी करके कृषक जयकिशन के साथ सांठ-गांठ कर लाभ पहुंचाने का अंदेशा लगाया जा सकता है। मामले में विधुत विभाग की जल्दबाजी देख कर हर कोई दाल में काला होने की बात से इंकार नहीं कर पायेगा। कृषक जयकिशन के खेत मे ट्यूबबेल ना होने के बावजूद भी विधुत विभाग ने जल्दबाजी करते हुए कनेक्शन जारी करने के आदेश निकाल दिए। तो वहीं बिना ट्यूबबेल लगे होने के बावजूद भी खेत मे पास स्थित ट्रांसफार्मर से लेकर पॉल व तार भी लगा दिए। हालांकि अभी कनेक्शन शुरू नहीं किया गया है लेकिन अभी गत रोज ही कृषक के खेत मे ट्रांसफार्मर भी लगा दिया गया है। जिसके चलते विधुत विभाग की इस जल्दबाजी को सन्देह की नजर से देखना भी शायद गलत नहीं होगा। जिस पाइप को दिखा ट्यूबबेल का कनेक्शन लिया गया था उस पाइप के आस-पास भी ट्रांसफार्मर को नहीं रखा गया है। बल्कि पॉल व तार लगने के बाद आनन-फानन में ट्यूबबेल को खोद कर उसका निर्माण किया गया है। अब हर कोई ये ही तो कहेगा ना कि जरूर दाल में कुछ काला है।
ट्रांसफार्मर रखने में भी लापरवाही!
सीमांत रक्षक ने जब इस सम्बंध में पड़ताल की तो सामने आया कि विधुत विभाग ने कनेक्शन लेने के समय में दिखाई गई पाइप की जगह ठीक रास्ते के सामने व पड़ौसी खेत के बट(दो खेत की सीमा) पर लगा दिया गया। जिसके चलते पड़ौसी किसानों ने भी एतराज जताया है। पड़ौसी किसानों का कहना है कि कृषक जयकिशन के खेत मे लगे ट्रांसफार्मर से ना केवल आने-जाने में दिक्कत होगी बल्कि पानी लगाने व कृषि यंत्रो को खेत में ले जाते वक्त करंट लगने का खतरा बना रहेगा। वही पड़ौसी कृषकों ने ये भी कहा है कि अगर इसके चलते किसी भी प्रकार की कोई दुर्घटना हुई तो उसकी जिम्मेदारी कृषक जयकिशन के साथ-साथ विधुत महकमे की भी होगी। Report Exclusive ने जब पड़ताल किया तो पाया कि आज तक आस-पास लगे सभी कृषि कनेक्शनों में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उचित स्थान पर लगाया गया है लेकिन इस ट्रांसफार्मर को बड़े ही अनुचित ढंग से लगाया गया है। अब देखने वाली बात रहेगी कि मामले में जांच करने के अलावा विधुत विभाग इस ट्रांसफार्मर की जगह कब तक बदलेगा।
जेईएन जांच कर आये कार्यवाहक अधीक्षण अभियंता को नहीं पता!
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भृष्टाचार जब चरम सीमा पर होता है तो अधिकारी भी उसे बचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते है। वैसा भी यहां हुआ मामले की खबर प्रकाशित होने के बाद विधुत विभाग के ही जेईएन महेंद्र कुमार मक्कासर 3 एसटीजी पहुंच कर मामले की पड़ताल भी कर आते हैं। लेकिन जब इस सम्बंध में विधुत महकमे के कार्यवाहक अधीक्षण अभियंता अरुण कुमार से पूछा गया तो उन्होंने खबर पर नजर की तो बात कही लेकिन उन्होंने कहा कि कृषक का नाम नहीं मालूम होने के चलते हम जांच नहीं कर पाए हैं। आपके द्वारा लगाए गई खबर पर हमारा ध्यान है हम पूरे मामले की जांच करवाएंगे। अब देखने वाली बात तो ये है कि उसी विभाग के निचले अफसर यानी जेईएन को मामले का पूरा पता होता है और पड़ताल भी करने पहुंच जाते है लेकिन अधीक्षण अभियंता को इस बारे में कुछ भी नहीं बताया जाता है जो कि साफ तौर पर इस मामले में हुई गड़बड़ी को छुपाने की तरफ इशारा करता है। अब इस मामले में आखिर काली हुई दाल को वापिस सफेद करने की जहमत कब उठाई जाती है ये देखने वाली बात रहेगी
जांच करने पहुचे जेईएन,एईएन को सौंपेंगे रिपोर्ट
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शनिवार को Report Exclusive में खबर प्रकाशित होने के बाद विधुत विभाग के जेईएन महेंद्र कुमार ने ठीक उसी दिन शनिवार को 3 एसटीजी मक्कासर स्थित कृषक जयकिशन के खेत मे पहुंच कर मामले की पूरी पड़ताल की। सूत्रों की माने तो जेईएन ने करीब आधे घण्टे वहां पर निरक्षण करते हुए रिपोर्ट तैयार की है जो एईएन कुलदीप पुनिया को सौंपे जाने की बात सूत्रों से सामने आई है। हालांकि इस मामले में रिपोर्ट कैसी तैयार होगी वो सभी जानते हैं क्योंकि खुद की ही गलती अफसर कैसे निकाल पायेगा वो देखने वाली बात रहेगी। अब देखते है इस मामले में नया मोड़ क्या आता है।
जेईएन साहब जवाबदेही तो बनती है भागे नहीं!
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सूत्रों की माने तो इस मामले के प्रकाशन के बाद विधुत विभाग के कार्यालय में खलबली मची हुई है। विभाग के जेईएन ने आनन-फानन में पहुंच जहां निरक्षण की रिपोर्ट तैयार करने का प्रयास किया है तो वहीं मामले में चुपी साधने के भी काम कर दिया है। Report Exclusive द्वारा पिछले दो दिनों से निरक्षण करने व रिपोर्ट सौंपने पर जेईएन महेंद्र कुमार का पक्ष जानने का प्रयास किया गया। लेकिन जेईएन महेंद्र कुमार द्वारा दो दिनों से फोन भी नहीं उठाया जा रहा है। जब कार्यालय गए तो वहां भी कहीं बाहर निरक्षण पर जाने की बात सामने आई। अब दो दिनों से खबर प्रकाशन के बाद फोन नहीं उठाना तो ये ही सन्देह पैदा करता है कि दाल तो काली हो गयी पर अब जवाब देना भी मुश्किल हो गया। परन्तु जेईएन महोदय जी जवाबदेही तो बनती ही है और आपको जिम्मेदारी के साथ अपना पक्ष रखना भी चाहिए। खैर मामले की निष्पक्ष जांच का इंतजार सभी को रहेगा।
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