श्रीगंगानगर,। श्रीगंगानगर जिले के सीमा क्षेत्र के गांवों में टिड्डी दल से हुई फसलों को नुकसान का जायजा लेने के लिये बुधवार को केन्द्रीय दल ने कई गांवों, चकों के खेतों में जाकर टिड्डी प्रभावित क्षेत्र को देखा। इस अवसर पर जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद एम नकाते भी मौजूद थे।
केन्द्रीय दल ने गांव 16पी, 17 पी, 11के, 14के, 17एच, 18 एच, 19 एच तथा 20एच सहित अन्य गांवों व टिड्डी से प्रभावित क्षेत्र को देखा। केन्द्रीय दल में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय के निदेशक श्री एस.डी. शर्मा, केन्द्रीय शुष्क खेती अनुसंधान केन्द्र जोधपुर के प्रमुख कीट वैज्ञानिक डाॅ. विपिन चैधरी व केन्द्रीय दल में डाॅ. सुभाष चन्द्र चैधरी मौजूद थे।
जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद एम नकाते ने केन्द्रीय दल को श्रीगंगानगर जिले में टिड्डी के प्रकोप की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कई बार टिड्डी दल ने खेतों में आकर नुकसान किया। विभागों तथा किसानों के सहयोग से किस प्रकार नियंत्रण किया गया, की जानकारी दी। उन्होंने 33 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक फसल खराबें की जानकारी दी। जिला कलक्टर ने सुझाव दिया कि टिड्डी चेतावनी मंडल को ओर अधिक प्रभावी बनाया जाये तथा उन्होंने अधिक संसाधनों की आवश्यकता पर बल दिया। फसलों को टिड्डी के नुकसान से बचाने के लिये क्या-क्या आवश्यकता होनी चाहिए तथा पूर्व तैयारी रहनी चाहिए।
केन्द्रीय दल ने जिला कलक्टर को आश्वस्त किया कि टिड्डी के प्रकोप से जो फसलें खराब हुई है, उसकी नियमानुसार जो सहायता राशि बनेगी, वो सरकार स्तर से स्वीकृत करवाई जायेगी। केन्द्रीय दल के दौरे के दौरान एसडीएम अनूपगढ श्री पवन कुमार, एसडीएम घडसाना, टिड्डी मंडल के उपनिदेशक बीकानेर श्री संजय आर्य, टिड्डी मंडल सूरतगढ से श्री एस.के.मीणा, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक श्री आनन्द स्वरूप छिम्पा, उपनिदेशक कृषि जी.आर मटोरिया सहित कृषि विभाग बीकानेर व राजस्व अधिकारी व किसान उपस्थित थे।
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे