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मौत के 3 दिन बाद दर्ज हुआ मुकदमा तो 8 दिन बाद दफनाए शव को बाहर निकाल करवाया पोस्टमार्टम


हनुमानगढ़(कुलदीप शर्मा)। 22 जून को खेत में कार्य करने के दौरान करंट से हुई मौत मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। सदर पुलिस थाने में लापरवाही और उपेक्षा करने के आरोप के साथ मृत्यु के तीन दिन बाद 25 जून को मृतक महेश कुमार के पिता द्वारा मामला दर्ज करवाया गया था। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 22 जून को खेत में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान हाई वोल्टेज विद्युत तारों से करंट लगने से झुलसे युवक महेश कुमार की मौत होने के मामले में सदर पुलिस ने मंगलवार सुबह एसडीएम हनुमानगढ़ कपिल कुमार यादव के परमिशन के बाद श्मशान भूमि में दफनाया गया शव निकलवा कर पोस्टमार्टम की कार्रवाई की गयी। गोलूवाला सीएचसी प्रभारी डॉ. नरेन्द्र बिश्नोई ने महेश कुमार (26) पुत्र दयाराम मेघवाल निवासी वार्ड नंबर 8, पक्कासारणा के शव का पोस्टमार्टम किया। जानकारी के अनुसार शव की पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद शव को पुनः दफना दिया गया। इस संबंध में परिजनों की ओर से युवक की मौत के तीन दिन बाद 25 जून को सदर थाने में खेत मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था।

 पुलिस के अनुसार गांव पक्कासारणा निवासी दयाराम मेघवाल पुत्र शंकरलाल ने 25 जून को थाने में मामला दर्ज कराया था कि गांव के ही ताराचन्द पुत्र हरीराम मेघवाल की चक 29 एमएमके स्थित कृषि भूमि में कमरे का निर्माण कार्य चल रहा था। मजदूरी करने वाला उसका पुत्र महेश कुमार निर्माण कार्य में लगा हुआ था। 22 जून को निर्माण कार्य के दौरान ताराचन्द ने उसके पुत्र महेश कुमार को कहा कि उसने लाइट कटवा दी है और इसके लिए अनुमति भी ले रखी है। वह ऊपर कमरे के किनारे से गुजर रही हाई वोल्टेज विद्युत तार पर प्लास्टिक की पाइप चढ़ा दे। इस पर महेश ने तार पर पाइप चढ़ाने से मना कर दिया था।

 खेत मालिक ताराचन्द ने महेश को कहा कि वह उसे दिहाड़ी पर लेकर आया है, वह सुबह से शाम तक जो कहेगा वह करना पड़ेगा। नहीं तो वह उसे दिहाड़ी के रुपए नहीं देगा। उसे तार पर प्लास्टिक की पाइप चढ़ानी ही पड़ेगी। लेकिन महेश को यह पता नहीं था कि तार में हाई वोल्टेज करंट है। रिपोर्ट में दयाराम ने बताया कि ताराचन्द ने उसके पुत्र महेश को विवश कर जान-बूझकर तार के हाथ लगवा दिया। इस कारण महेश के 11 हजार वोल्टेज का करंट लग गया। उसे गंभीर झुलसी अवस्था में टाउन के जिला अस्पताल लाया गया लेकिन चिकित्सकों ने जांच के बाद महेश को मृत घोषित कर दिया। रिपोर्ट में दयाराम ने यह भी बताया कि इस घटना की जानकारी उसे राजू व गुरमेल मिस्त्री ने दी। परिजन सदमे में थे। 

इस कारण ताराचन्द ने उसके व उसके परिजनों के खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए। जबकि खेत मालिक की लापरवाही के कारण ही महेश की जान गई है। फिलहाल पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर खेत मालिक ताराचन्द पुत्र हरिराम मेघवाल के खिलाफ भादंसं की धारा 304ए के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस को फिलहाल इस मामले में अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इन्तजार रहेगा। हालांकि पुलिस सूत्रों की माने तो अभी इस मामले में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। 


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