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गीता में बहती है, ज्ञानकृभक्तिकृकर्म की त्रिवेणीः कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री

 जन्माष्टमी-नंदोत्सव पर कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री की शुभकामनाएं

गीता में बहती है, ज्ञानकृभक्तिकृकर्म की त्रिवेणीः कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री

जयपुर/बीकानेर, । कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और नंदोत्सव के पावन अवसर पर प्रदेषवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। 
  डॉ. कल्ला ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता का उपदेश दिया गया था, इसमें ज्ञान, भक्ति और कर्म की त्रिवेणी बहती है। गीता पूरी दुनियां को परोपकार और पीड़ित मानवता की रक्षा का संदेश देती है। इस पवित्र ग्रंथ में मानव जीवन में सफलता के कई नायाब सूत्र दिए गए हैं, जो यह बताते है कि हम हर स्थिति का मजबूती से सामना करते हुए अपने-अपने कर्म क्षेत्र में धर्म, सच्चाई और ईमानदारी के पथ पर निष्काम भाव से कर्म करते हुए आगे बढे़ और फल की चिंता न करे।
कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि श्री कृष्ण का जीवन चरित्र और उनके आदर्श सदियों से पूरी दुनियां को जीने की राह दिखाते आए हैं, उन्होंने मानव मात्र को जीवन में सच्चाई को आत्मसात कर कर्तव्य पथ पर अडिग रहते हुए निरंतर आगे बढ़ते की सीख दी है। वे बिना किसी भय या चिंता के ईश्वरीय सत्ता के प्रति समर्पित होकर जीवन के हर छोर और मोड़ पर मजबूती से डटे रहने की शिक्षा देते हैं। 
डॉ. कल्ला ने इस अवसर पर सबके जीवन में प्रगति और सफलता के साथ देश और प्रदेश की समृद्धि एवं खुशहाली की कामना करते हुए कहा कि जन्माष्टमी पर हम श्रीकृष्ण की कृपा से धर्म और सच्चाई के मार्ग पर चलते हुए जीवन के असली मकसद को साकार करने का संकल्प लें। 

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