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पंचायत आम चुनाव के दौरान धारा 144 धारा के तहत प्रत्याशी और राजनैतिक दल रहे सतर्क

बीकानेर, 17 सितम्बर ।  जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नमित मेहता ने पंचायत आम चुनाव 2020 के मद्देनजर जिले में सामान्य जनजीवन व लोक शांति कायम रखने के लिए भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 लागू ही है।

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि चुनाव के पूर्व चुनाव सभाओं, चुनाव के दिन तथा मतगणना के समय व मतगणना के बाद उक्त चुनाव संबंधी प्रचार एवं प्रसार तथा मतगणना के परिणामों के कारण स्थानीय विवाद तथा तनाव उत्पन्न होने की एवं असामाजिक तत्व व साम्प्रदायिक भावना भड़काने वाले तत्वों द्वारा अवांक्षनीय गतिविधियों से सामान्य जनजीवन व लोक शांति के विक्षुब्द्ध होने की आशंका के मद्देनजर दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पंचायत समिति बीकानेर, पूगल, कोलायत, बज्जू(बज्जू खालसा), लूणकरणसर में  तत्काल प्रभाव से  आगामी आदेशों तक प्रतिबन्ध किया है।

आग्नेय अस्त्र-शस्त्र के प्रदर्शन पर रोक

मेहता ने बताया कि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के आग्नेय अस्त्र-शस्त्र जैसे रिवाल्वर, पिस्तौल, बन्दूक, बी.एल. गन, एम.एल.गन, राईफल्स व धारदार हथियार जैसे तलवार, गंडासा, फरसा, चाकू, भाला, कृपाण, बर्छी अथवा लाठी आदि लेकर नहीं चलेगा व नाही उसका प्रदर्शन करेगा। उन्होंन बताया कि यह आदेश सीमा सुरक्षा बल, राजस्थान सशस्त्र पुलिस, सिविल पुलिस होमगार्ड एवं उन राज्य एवं केन्द्र कर्मचारियों पर जो कानून एवं व्यवस्था के संबंध में अपने पास हथियार रखने के लिए अधिकृत किये गये हैं, पर लागूु नहीं होगा। सिख समुदाय के व्यक्तियों को धार्मिक परम्परा के अनुसार निर्धारित कृपाण रखने की छूट होगी। यह आदेश शस्त्र अनुज्ञा-पत्र नवीनीकरण के लिए आदेशानुसार शस्त्र निरीक्षण करवाने अथवा शस्त्र पुलिस थाना में जमा कराने के लिए ले जाने पर लागू नहीं होगा। वृद्ध व अपाहिज जो बिना लाठी के सहारे नहीं चल सकते हैं, लाठी प्रयोग सहारा लेने हेतु कर सकेंगे। राष्ट्रीय राईफल एसोसियेशन के वह सदस्य जो प्रतियोगिता की तैयारी एवं भाग लेने जा रहे है, उन पर यह आदेश लागू नही होगा।

जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि जिले से बाहर का कोई भी व्यक्ति बीकानेर जिले की सीमा में उपरोक्त किस्म के हथियारों को अपने साथ नहीं लाएगा, ना ही सार्वजनिक स्थानों पर प्रयोग एवं प्रदर्शन करेगा। उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति अथवा राजनैतिक दल, संस्था द्वारा किसी जुलूस, सभा एवं सार्वजनिक मीटिंग में ध्वनिविस्तारक यंत्रों का उपयोग सुबह 6 से रात्रि 10 बजे तक की अवधि में सक्षम अधिकारी की लिखित अनुमति के बाद ही जारी कर सकेगा तथा रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनिविस्तारक यंत्रों का उपयोग माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार वर्जित रहेगा।

निजी जीवन पर आपत्तिजनक भाषण नहीं देगा

कोई भी अभ्यर्थी, राजनैतिक दल चुनाव प्रचार-प्रसार के दौरान किसी दूसरे अभ्यर्थी के निजी जीवन के बारे में आपत्तिजनक भाषण, प्रचार-प्रसार सामग्री में टीका टिप्पणी नहीं करेगा और न ही करवायेगा। कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक भवनों, स्थलों पर कटआउट, पोस्टर  बेनर या अन्य प्रचार सामग्री नहीं लगाएगा तथा ना ही किसी प्रकार के नारे लिखेगा। उक्त प्रचार के माध्यमों के लिए निजी भवन, स्थलों सम्पति का आयोग उसके मालिक, धारक की पूर्व लिखित अनुमति के बिना नहीं करेगा।

धार्मिक स्थलों पर प्रचार-प्रसार वर्जित

मंदिरों, मस्जिदों, गिरीजाघरों, गुरूद्धारों या पूजा के अन्य स्थानों का निर्वाचन प्रचार मंच के रूप में प्रयोग नहीं किया जायेगा।

विस्फोटक साम्रगी का उपयोग प्रतिबंधित

कोई भी व्यक्ति इस दौरान किसी भी प्रकार की विस्फोटक सामग्री व अति ज्वलनशील विस्फोटक  पदार्थ एवं घातक रासायनिक पदार्थ  लेकर नहीं चलेगा और ना ही इसका उपयोग करेगा।

साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाली चुनाव सामग्री पर प्रतिबंध

कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिक सद्भाव को ठेस पहुचने वाले पोस्टर, बैनर, पम्पलेट व अन्य चुनाव सामग्री नहीं छपवायेगा एवं ना ही छापेगा। इसके साथ ही कोई व्यक्ति एवं संस्था इंटरनेट  तथा सोशल मीडिया यथा फेसबुक, टिव्टर, व्हाटसअप, युट्यूब आदि के माध्यम से किसी प्रकार का धार्मिक  उन्माद, जातिगत द्वेष या दुष्प्रचार नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मदिरा का सेवन नहीं करेगा और  ना ही किसी  अन्य व्यक्ति को सेवन करवाएगा तथा अधिकृत  विक्रेताओं  को छोड़कर  कोई भी व्यक्ति निजी उपयोग के अलावा किसी अन्य के उपयोग हेतु सार्वजनिक स्थल से मदिरा लेकर आवागमन नहीं करेगा।  

आदर्श आचार सहिंता की हो पालना

आदर्श आचार सहिंता के दौरान निर्वाचन के प्रचार के उद्देश्य से टेलीफोन, मोबाइल काॅल, डोर-टू-डोर अभियान, एसएमएस, वाट्सअप सोशल मीडिया सहित प्रचार संबंधी गतिविधि रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक प्रतिबंधित होगी।

मेहता ने बताया कि कोई व्यक्ति अथवा राजनीतिक दल लाउडस्पीकर किसी भी प्रकार के वाहन पर लगाकर उपयोग लेने की अनुमति प्राप्त करने के लिए सक्षम अधिकारी को आवेदन करेंगे तथा आवदेन में वाहन संख्या, वाहन की रजिस्ट्रेशन संख्या व वाहन की किस्म का अंकन करेंगे। उन्होंने बताया कि सक्षम अधिकारी की लिखित में अनुमति के पश्चात ही लाउडस्पीेकर व सभा का आयोजन किया जा सकेगा। रैली जुलूस के लिए सक्षम अधिकारी जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा प्राधिकृत अधिकारी होंगे। कोई भी व्यक्ति चुनाव प्रचार या प्रसार हेतु वाहनों से यातायात बाधित नहीं करेगा। वाहनांे का उपयोग चुनाव प्रसार हेतु भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी गाईड लाइन के अनुसार करना होगा। राजनैतिक दलों द्वारा मतदाताओं को वाहनों से मतदान केन्द्रों तक ले जाने तथा वहां से लाने पर पूर्णतः रोक होगी।

सौ मीटर की परिधि में मोबाइल के उपयोग पर प्रतिबंध

मतदान दिवस के दिन मतदान केन्द्र से एवं मतगणना दिवस पर मतगणना केन्द्र से एक सौ मीटर की परिधि के अन्दर किसी भी तरह के मोबाइल फोन, सैल फोन, वायर लैस का उपयोग नहीं करेगा तथा न ही लेकर चलेगा। यह प्रतिबंध चुनाव ड्यूटी में लगे पुलिस अधिकारियों व अन्य कर्मचारियों तथा अधिकारियों पर लागू नहीं होगा।

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