व्यापारी, किसान व मजदूर संवाद
श्रीगंगानगर। राजस्व उपनिवेशन, कृषि सिंचित क्षेत्राीय विकास मंत्री श्री हरीश चैधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्रा में लाए गए तीनों कानून के विरूद्ध राज्य सरकार वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार कर रही है। इस संबंध में विधि विशेषज्ञों से परामर्श लिया जा रहा है।राजस्व मंत्री शनिवार को अनाज मण्डी गंगानगर में किसान व्यापारी, मजदूर संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होने कहा कि इन नियमों से अविश्वास की भावना पैदा हुई है। विश्वास के वातावरण में हर कोई फलता-फूलता है। उन्होनेे कहा कि किसी वर्ग द्वारा इन कृषि बिलों की मांग नही की गई थी। उन्होने कहा कि कृषि क्षेत्र की विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
उन्होनेे कहा कि अमेरिका जैसे देश में ये कानून बनाए गए थे। अमेरिका में किसानों को प्रतिवर्ष भारी अनुदान दिया जाता है, जबकि भारत में लगभग 15 हजार रूपये का अनुदान ही किसान को मिलता है। उन्होने कहा कि किसान की छत जर्जर है, कही कोई कमियां है तो उन्हे दूर करनी होगी। कृषि विपणन में खुला बाजार पूर्व में भी संचालित हो रहा है। राजस्थान का जीरा गुजरात की मण्डियों में बिकता है। उन्होने कहा कि राज्य सरकार नये बिल लाने पर विचार कर रही है। हमारा उद्धेश्य अन्तिम व्यक्ति तक उसे सम्बल प्रदान करना है।
गंगानगर विधायक श्री राजकुमार गौड़ ने कहा कि भारत सरकार द्वारा कृषि के क्षेत्र में 3 नये कानून बनाए है, उससे किसान, व्यापारी, मजदूर कमजोर होंगे। राज्य सरकार द्वारा सत्र बुलाकर इस कानून का कोई वैकल्पिक आधार तैयार किया जाएगा। राज्य सरकार इस कार्य को गंभीरता से ले रही है। उन्होने कहा कि राज्य सरकार किसान की पीडा को अच्छी तरह से समझती है।
श्री गौड़ ने कहा कि राजस्व मंत्री श्री हरिश चैधरी को किसानों की समस्याओं का पूरा ज्ञान है तथा राजस्व की अच्छी जानकारी रखते है। किसानों को किस प्रकार से लाभ दिया जाए, पर विचार किया जा रहा है। राज्य सरकार यह प्रयास करेगी कि किसानों, व्यापारियों व मजदूरों को किस प्रकार फायदा मिलें। उन्होने शहर की सड़कों के निर्माण कार्यो, मेडिकल काॅलेज का निर्माण, नहरों के सुदृढिकरण सहित अनेक कार्यो पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होनेे कहा कि जिले में विकास की कोई कमी नही रहेगी।
इस अवसर पर एडीएम सतर्कता श्री अरविन्द जाखड़, एसडीएम श्री उम्मेद सिंह रत्नू, पूर्व सांसद श्री शंकर पन्नू, श्री धर्मवीर डूडेजा, श्री जगदीश जांदू, श्री हनुमान गोयल, उदयपाल झांझडिया, विशाल गौड़, श्री राम गोपाल पांडूसरिया, राज कुमार जोग, रणजीत सिंह, सहित गणमान्य नागरिक, व्यापारी, किसान व मजदूर उपस्थित थे।
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