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ग्रामीण प्रबंधन समिति द्वारा प्रस्ताव तैयार ठोस व तरल कचरा प्रबंधन के लिए होगी गतिविधियां ,जिले 45 गांवों में 17.59 करोड़ रुपए होंगे व्यय

 

गांवों में भी ठोस व तरल कचरे का अलग-अलग होगा प्रबंधन

जिले 45 गांवों में 17.59 करोड़ रुपए होंगे व्यय

बीकानेर,। ठोस और तरल कचरा प्रबंधन के तहत प्रथम चरण में जिले में 45 गांवों में 17.59 करोड रुपए व्यय किए जाएंगे। इसके लिए जिला स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण प्रबंधन समिति द्वारा प्रस्ताव तैयार किये गए हैं। जिला कलक्टर एवं जिला स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नमित मेहता ने बताया कि ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के तहत जिले के प्रत्येक ब्लॉक में 5-5 गांव चयन करते हुए कुल 45 गांवों में सेनेटाइजेशन के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है।

मेहता ने बताया कि समिति द्वारा एसबीएमजी के तहत 5.98 करोड़, एफएफसी के तहत 7.88 करोड़ तथा मनरेगा के तहत 3.78 करोड रुपए के वित्तीय प्रस्ताव तैयार कर भिजवाए जा रहे हैं, जिनके जरिए ठोस अपशिष्ट निस्तारण के लिए 8.01 करोड़ तथा तरल अपशिष्ट निस्तारण के लिए 9.52 करोड रुपए व्यय करने की योजना है। इसके तहत कचरा पात्र स्थापित करवाने, कंपोस्ट बनाने, मैजिक पिट, नाली निर्माण और आरआरसी सेंटर निर्माण जैसी गतिविधियां की जाएगी।

जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण प्रबंधन समिति की बैठक में उन्होंने बताया कि समिति द्वारा द्वितीय चरण हर ब्लॉक में 10-10 गांवों का चयन किया जाएगा और इस प्रकार धीरे-धीर्रे  जिले के समस्त गांवें को इस परियोजना में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनसंख्या के आधार पर कचरापात्र रखने की व्यवस्था की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए घर-घर कचरा संग्रहण, प्लास्टिक कचरा संग्रहण केंद्र, सामुदायिक खाद का गड्ढा या कंपोस्ट जैसी गतिविधियां होंगी । वहीं तरल कचरा प्रबंधन के लिए घरेलू सोख्ता गड्ढा या सामुदायिक सोख्ता गड्ढा जिसमें मैजिक पिट और घरों से सामुदायिक स्वच्छता गड्ढे तक नाली निर्माण जैसी गतिविधियां भी इस कार्य योजना में शामिल की गई है। मेहता ने कहा कि कार्ययोजना तैयार करते समय निर्धारित मानकों और तकनीकी बारिकीयों का विशेष ध्यान रखें और साथ ही स्थानीय लोगों का भी इसमें सहयोग लें जिससे सेनेटाइजेशन के प्रति जागरूकता के साथ-साथ लोगों का इस कार्य के प्रति सक्रिय जुड़ाव बन सके।

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और समिति के सदस्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि ठोस और तरल कचरा प्रबंधन परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में सैनिटाइजेशन को बढ़ावा देना है। इसके लिए विस्तृत कार्य योजना प्लान तैयार करते हुए प्रथम चरण के प्रस्ताव तैयार कर दिए गए हैं। इन्हें शीघ्र अनुमोदित करवा कर वित्तीय स्वीकृति हेतु भिजवाया जाएगा। इसके बाद डिस्ट्रिक्ट सेनेटाइजेशन प्लान तैयार किया जाएगा। बैठक में उपनिदेशक समेकित महिला एवं बाल विकास शारदा चैधरी, पीएचईडी अधीक्षण अभियंता दीपक बंसल सहित सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।


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