श्रीगंगानगर,। यात्रियों को आरक्षित टिकट सुलभता से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उत्तर पश्चिम रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल द्वारा अनेक अभियान वर्ष 2020 के दौरान चलाये गये। वर्ष 2020 के दौरान रेलवे सुरक्षा बल द्वारा कार्यवाही करते हुए 138 अनाधित टिकट दलालों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए उन्हे गिरफ्तार किया गया। 3.5 करोड रूपये के लगभग 26 हजार पास्ट/लाईव टिकटों को जब्त किया गया। जिससे आम नागरिकों को वर्तमान में न्युनतम गाड़ियां चलते हुए भी आसानी से आन लाईन या रेलवे काउंटर से आसानी से टिकट उपलब्ध हो रहा है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुएए साफ्टवेयर डेवलप कर रेलवे ई-टिकटिंग के अवैध व्यापार में राष्ट्रीय स्तर पर लिप्त गिरोह के मुखीया ’’रोशन‘‘ एवं इसमें लिप्त 06 अन्य आरोपियो, जिनके द्वारा सम्पूर्ण भारत मे वर्ष 2012 से समय-समय पर विभिन्न तरह के ई टिकटिंग साफ्टवेयर डवलप कर स्वयं इस्तेमाल किया जाता और बेचा जाता था, को 6 फरवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से कुल 848 व्यक्तिगत युजर आईडी से कुल 306 लाईव टिकट एवं 7761 उपयोग में लाई गई टिकटों की किमत 1,37,13,256 रूपये जब्त की गई। इस पर इस टीम को महाप्रबंधक उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा 25000 रूपये का नकद ईनाम और महानिदेशक रेसुब नई दिल्ली द्वारा 5000 रूपये का नकद ईनाम दिया गया।उन्होने बताया कि एक अन्य अभियान के अंतर्गत रेलवे एक्ट की धारा 143 के विरूद्व अनिल कुमार पुत्र सुवालाल के साथ 2 अन्य सह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। लेपटाॅप से डाटा रिकवर करते हुए आईआरसीटीसी की कुल 425 निजी यूजर आईडी पाई की गई है यात्रा की गई टिकट रिकाॅर्ड संख्या 9210 कीमत 1,96,39,526 रूपये पाई गई है। आरोपी के मोबाईल में रियर मैंगो तत्काल साफ्टवेयर उपयोग करने के प्रमाण पाये गये। आरोपी द्वारा बताया कि उसके द्वारा पूर्व में तत्काल साॅफ्टवेयर का भी उपयोग किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर अवैध टिकट दलालों के विरूद्ध रेलवे सुरक्षा बल निरंतर अभियान का संचालन कर रहा है।
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