Advertisement

Advertisement

नहरों में सिचांई पानी की उपलब्धता को देखते हुए कम पानी में पकने वाली फसलों की बुवाई करें

 नहरों में सिचांई पानी की उपलब्धता को देखते

हुए कम पानी में पकने वाली फसलों की बुवाई करें
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर जिलें में रबी सीजन में मुख्यतया गेंहू, जौ, सरसों, चना व तारामीरा की बुवाई की जाती है।
जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन ने कृषि अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे किसानों को कम पानी वाली फसलें उगाने के लिये उन्हें जानकारी दें।
कृषि विभाग के उपनिदेशक जी.आर मटोरिया ने बताया कि इस वर्ष मानसून की बरसात केचमेन्ट क्षेत्र में कम होने के कारण बांधों में पानी की आवक कम रहने की स्थिति को देखते हुए गत वर्षो की तुलना में रबी 2021-22 सीजन में इन्दिरा गांधी नहर परियोजना, भाखड़ा व गंग कैनाल में सिंचाई हेतु पानी कम मिलने की संभावना है।
इन्दिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्रा में 21 सितम्बर 2021 को जल वितरण एवं उपयोग हेतु गठित परामर्श दात्राी समिति की बैठक में निर्धारित रेगुलेशन के अनुसार 4 में से 1 समूह में पानी सिंचाई हेतु उपलब्ध करवाने का निर्णय हुआ है। इसी प्रकार गंग कैनाल व भाखड़ा क्षेत्र में भी सिंचाई पानी की उपलब्धता कम रहेगीं। इसको मध्यनजर रखते हुए कृषि विभाग द्वारा क्षेत्रा के कृषकों को सलाह दी जाती है कि रबी 2021-22 में कम पानी चाहने वाली फसलों जैसे सरसों व चना की ही बुवाई को ही प्राथमिकता देवे। सरसों व चना की फसल 2-3 सिंचाई में ही पक कर तैयार हो जाती है। सामान्यतः सरसों की बुवाई का उपयुक्त समय अक्टूबर माह है व देरी से बुवाई करने वाली किस्मों की बुवाई 10 नवम्बर तक भी की जा सकती हैं। इसी प्रकार चने की फसल की बुवाई भी 20 अक्टूबर से 20 नवम्बर तक की जा सकती है। माह नवम्बर, दिसम्बर में गेंहू व जौ फसल की बुवाई सिंचाई जल की उपलब्धता अनुसार अथवा ट्यूबवेल से सिचाई की अतिरिक्त सुविधा होने पर ही करे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement