Advertisement

Advertisement

लम्पी स्किन डिजीज रोग से पशुओं को बचाएं पशुपालक पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी

 लम्पी स्किन डिजीज रोग से पशुओं को बचाएं पशुपालक


पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी
श्रीगंगानगर,। लम्पी स्किन डिजीज रोग से पशुओं को बचाने के लिये पशुपालन विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. रामवीर शर्मा ने बताया कि यह गायों एवं भैसांे में तेजी से फैलने वाला एक वायरस जनित रोग है। इस रोग से सभी उम्र के पशु प्रभावित होते हैं। जिले के बहुत से गाय एवं भैंसों में इस रोग का प्रकोप पाया गया है। यह एक प्रकार का संक्रामक रोग है, जो कि वायरस के कारण होता है। यह रोग केवल पशुओं में ही पाया जाता है पशुओं से मानव में नहीं फैलता है। चीचड,़ मक्खी एवं मच्छर इस रोग के प्रमुख वाहक है। इस रोग से पशुओं में 5-10 प्रतिशत की मृत्यु दर देखी गई है।
लक्षण
 इस रोग प्रकोप में पशुओं के पूरे शरीर पर त्वचा पर छोटी-छोटी गांठंे हो जाती हैं। रोग की शुरूआत पशु में तेज बुखार (103 से 105 डिग्री फेरनहाईट) होता है। कुछ पशुओं में पैंरो पर सूजन आ जाती है, नाक से एवं आंखों से पानी आना शुरू हो जाता है।
उपचार
 यह रोग 10-15 दिन बाद पशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता के अनुसार स्वतः ही ठीक हो जाता है, वायरस पर कोई दवा असर नहीं करती है। तेज बुखार एवं अन्य लक्षणों के आधार पर कमजोर पशु एवं उच्च दुग्ध क्षमता वाले पशुओं को नजदीकी पशु चिकित्सक को दिखा कर उपचार करावें।
बचाव
संक्रमण से बचने हेतुु पशुओं के आवास गृह को साफ-सुथरा रखें। चीचड़ एवं अन्य परजीवियों से पशु को बचा कर रखें। नीम के पतांे का पशुओं के आवास गृह व बांधने के स्थान पर धुओं करें। रोग ग्रस्त पशुओं को स्वस्थ पशुओं से दूर रखें

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement