वास्तविक मतदान से पहले होगा मॉक पोलः जिला निर्वाचन अधिकारी
श्रीगंगानगर। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा आम चुनाव 2023 के दौरान वास्तविक मतदान समय शुरू होने से 90 मिनट पहले मॉक पोल किया जायेगा। मॉक पोल के समय कम से कम दो उम्मीदवारों/मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थिति में शुरू किया जायेगा।
जिला कलक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अंशदीप ने बताया कि यदि न्यूनतम दो उम्मीदवार/अभिकर्ता उपस्थित नहीं है तो पीठासीन अधिकारी मॉक पोल आयोजित करने से पहले 15 मिनट तक प्रतीक्षा कर सकता है। ऐसे मामलों में पीठासीन अधिकारी निर्धारित मॉक पोल प्रमाण पत्र में इस संबंध में एक विशिष्ट उल्लेख करेगा। मॉक पोल शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित किया जायेगा कि बैलेट यूनिट और वीवीपेट को वोटिंग कम्पार्टमेंट के अंदर रखा गया है और कंट्रोल यूनिट को मतदान अधिकारी तृतीय/पीठासीन अधिकारी की मेज पर रखा गया है।
जिन मतदान केन्द्रों पर मान्यता प्राप्त दलों के उम्मीदवारों के अभिकर्ताओं की उपस्थिति नहीं है और जहां किसी एजेंट की अनुपस्थिति में या केवल एक मतदान अभिकर्ता की उपस्थिति में मॉक पोल आयोजित किया जाना है, पीठासीन अधिकारी इसकी सूचना रिटर्निंग अधिकारी/सैक्टर अधिकारी को देगा। ऐसे मामले में माइक्रो पर्यवेक्षक की तैनाती, वीडियो कैमरों की तैनाती यदि पहले से नहीं की गई है, सैक्टर अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार बार-बार दौरे कर हस्तक्षेप सुनिश्चित किया जाना चाहिए। ऐसे मतदान केन्द्रों के पीठासीन अधिकारियों से प्राप्त मॉक पोल प्रमाण पत्रों के आधार पर मतदान पूरा होने के बाद, रिटर्निंग अधिकारी ऐसे मतदान केन्द्रों की एक सूची तैयार करेगा और विशेष ध्यान दिया जायेगा। यदि मॉक पोल के दौरान बैलेट यूनिट या कंट्रोल यूनिट या वीवीपेट ठीक से काम नहीं करता है, तो केवल संबंधित यूनिट को बदला जायेगा।
वास्तविक मतदान के दौरान प्रथम मतदान अधिकारी मतदाता सूची की चिन्हित प्रति का प्रभारी है और मतदाताओं की पहचान के लिये जिम्मेदार है। एक मतदाता मतदान केन्द्र में प्रवेश करता है, प्रथम मतदान अधिकारी मतदाता की पहचान करता है और मतदाता सूची की अंकित प्रति में उसकी उपस्थिति अंकित करता है। जब किसी निर्वाचक को मतदान केन्द्र पर वोट डालने की अनुमति दी जाती है तो निर्वाचक नामावली की चिन्हित प्रति में उस निर्वाचक से संबंधित विवरण वाले बॉक्स के पार तिरछे लाल स्याही से रेखा खींची जायेगी। इसके अलावा पुरूष और महिला मतदाता की संख्या के आसान सत्यापन और गणना के लिये महिला मतदाताओं के मामले में मतदाता की क्रम संख्या पर गोला बनाया जायेगा।
द्वितीय मतदान अधिकारी जो मतदाताओं के रजिस्टर फॉर्म 17 ए, अमिट स्याही और मतदाता पर्चियों का प्रभारी है, ईपिक/भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित किसी अन्य वैकल्पिक दस्तावेज सहित मतदाता के नाम की प्रविष्टियां की जायेगी एवं मतदाता रजिस्टर में मतदाताओं के हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान प्राप्त करेंगे। तीसरा मतदान अधिकारी सीयू का संरक्षक होता है और सीयू के बैलेट बटन को दबाकर बीयू को सक्रिय करता है और द्वितीय मतदान अधिकारी मतदाता को जारी मतदाता पर्ची पर क्रम संख्या के क्रम में वोट डालने के लिये वोटिंग कम्पार्टमेंट के अंदर जानी की अनुमति देता है। पीठासीन अधिकारी या अन्य मतदान कर्मचारी मतदान कक्ष में बार-बार नहीं जायेंगे, क्योंकि इससे शिकायतों की गुंजाईश हो सकती है।
यह सुनिश्चित करने के लिये किसी मतदाता ने प्रतीक/नाम/मतपत्र बटन पर कोई कागज, टेप आदि चिपकाकर कोई शरारत नहीं की है। पीठासीन अधिकारी समय-समय पर मतपत्र इकाई का निरीक्षण कर सकता है, लेकिन उसे ऐसा करना चाहिए। निर्वाचनों का संचालन नियम 1961 के नियम 49 क्यू के तहत मतदान कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में ऐसा करना उचित है। मतदान केन्द्रों पर मतदान कर्मचारियों के आचरण के बारे में किसी भी शिकायत को गंभीरता से लिया जायेगा और उचित जांच की जायेगी।
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