संगरिया में 10 से 15 मार्च तक लगेगा मापक यंत्रों का सत्यापन हेतु शिविर
हनुमानगढ़। विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 एवं इनके अन्तर्गत बने नियमों के तहत यदि कोई व्यक्ति, फर्म, संस्था बाट/माप /तोलने के यंत्रों या मापक यंत्रों का उपयोग करता है तो उन्हे सत्यापन एवं मुद्रांकन पश्चात ही उपयोग में लिया जा सकता है। ऐसे बाट, माप इत्यादि का निश्चित समय अन्तराल बाद पुनः सत्यापन व मुद्रांकन करवाया जाना अनिवार्य है। जिसके अभाव में असत्यापित बाट, माप का उपयोग करना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
श्री अमित चौधरी ने बताया कि बाट, माप, तोलने के यंत्रों या मापक यंत्रों के सत्यापन, पुनः सत्यापन हेतु विभाग द्वारा संगरिया में 10 मार्च से 15 मार्च तक शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें सभी बाट, माप तोलने के यंत्रों या मापक यंत्रों के उपयोगकर्ता लाभ उठा सकेंगे। पिछले वर्षों के लंबित प्रकरणों में नियमानुसार निर्धारित शुल्क राशि विभागीय एप्लिकेशन (ई-तुलामान) के जरिए जमा करवाकर अपने यंत्र का सत्यापन / पुनः सत्यापन करवा सकेंगे ।
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