श्रीगंगानगर, 4 दिसंबर 2025।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आज दिनांक 6 दिसंबर 2025 को नई धान मंडी स्थित श्रीगंगानगर ट्रेडर्स एसोसिएशन भवन में प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसकी जानकारी संघ के जिला प्रचार प्रमुख तरुण दाधीच ने दी।
कार्यक्रम में शहर और जिले के प्रबुद्ध नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। सम्मेलन के मुख्य वक्ता आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता सरदार महेंद्र पाल कोचर ने की।
अतिथियों ने मां भारती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्प अर्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद रामदेव छात्रावास के छात्रों द्वारा प्रस्तुत वंदे मातरम ने सभागार में उत्साह का वातावरण बनाया।
मुख्य वक्ता का संबोधन
इंद्रेश कुमार ने अपने संबोधन में विभिन्न मतों के ऐतिहासिक विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि पंथ और परंपराएं परिस्थितियों से जन्म लेती हैं, परंतु जाति और धर्म के आधार पर किसी की राष्ट्रीयता नहीं बदलती। उन्होंने कहा कि मां और मातृभूमि का चयन व्यक्ति नहीं करता, यह ईश्वर की इच्छा से होता है।
उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रवाद से समझौता हमेशा विखंडन की ओर ले जाता है। जाति, भाषा, क्षेत्र, लिंग आदि आधारों पर समाज को बांटने वाली शक्तियाँ राष्ट्रीय एकता के लिए चुनौती हैं। यदि समाज इन भेदभावों को समाप्त कर संगठित हो जाए, तो देश को कोई कमजोर नहीं कर सकता।
उन्होंने सिक्ख परंपरा का उदाहरण देते हुए कहा कि पहली से दसवीं पातशाही तक हमें शासन, प्रशासन, सेवा, त्याग और गरीबों के प्रति प्रेम की अद्वितीय शिक्षा मिलती है। सिक्ख समाज सदैव बलिदान और साहस का प्रतीक रहा है, जो यह सिखाता है कि स्वाभिमान रखें, लेकिन किसी को अछूत न मानें।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत कोई मजहबी राष्ट्र नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित देश है। यहां धर्मांतरण और धर्मांधता से मुक्ति के लिए व्यापक काम किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने दशम गुरु द्वारा 1666 से 1711 तक स्थापित जीवन मूल्यों का स्मरण करते हुए कहा कि राष्ट्रवाद की रक्षा के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है।
संघ के पंच परिवर्तन विषय
उन्होंने कहा कि आरएसएस समाज के सर्वांगीण विकास के लिए निम्न पांच प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष कार्य कर रहा है—
1. सामाजिक समरसता
2. कुटुंब प्रबोधन
3. पर्यावरण संरक्षण
4. नागरिक कर्तव्य
5. स्वदेशी भाव जागरण
उन्होंने समाज से आह्वान किया कि इन विषयों पर एकजुट होकर कार्य करें, ताकि फलते-फूलते, आत्मनिर्भर और विकसित भारत का निर्माण संभव हो सके।
खेल जगत का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब खिलाड़ी भारत के लिए खेलते हैं, तो देश के लिए अधिक मेडल भी आते हैं। इसी प्रकार एकता से प्रगति संभव है। अंत में उन्होंने संदेश दिया कि प्रसन्न रहें, मुस्कुराएं और समाज में सकारात्मकता फैलाएं।
कार्यक्रम का संचालन और उपस्थिति
कार्यक्रम में सामाजिक, धार्मिक, चिकित्सा, शिक्षा और अनुसंधान क्षेत्रों से जुड़े अनेक प्रतिनिधि उपस्थित रहे। संघ साहित्य की विशेष प्रदर्शनी भी लगाई गई।
आभार प्रकट माननीय जिला संघ चालक श्री अमर चंद बोरड ने किया।
मंच संचालन नरेंद्र यादव ने किया।
इस अवसर पर केवल सिंह, रिछपाल सिंह, विभाग प्रचारक रघुवीर सिंह, जोधपुर प्रांत के प्रांत प्रचारक राजेश, वरिष्ठ कार्यकर्ता कैलाश भसीन, गौरीशंकर गुप्ता सहित कई प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे