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खुद का भवन नहीं,सामुदायिक केंद्र में चल रहा आगनबाड़ी सेंटर,दुनिया भर की समस्याओ से जूझ रहे यहां के सभी आंगनबाड़ी

गांव पिचकरांई का मामला

अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रो पर नहीं बिजली

पानी की व्यवस्था,बच्चों को हो रही परेशानी

कहीं भवन की कमी तो कही अन्य सुविधाओं।

चारणवासी। निकटव्रती गांव पिचकरांई में पिछले सात-आठ से आंगनबाड़ी केंद्र खुद का भवन न होने के कारण सामुदायिक भवन में चल रहा हैं। ग्रामीणों ने बताया कि भवन में बिजली,पानी की सुविधा न होने के कारण गर्मी में बच्चों को भारी परेशानी होती हैं। यहां सुविधा मुहैया न होने के कारण अभिवावक अपने नौनिहालों को यहां भेजने में हिचकिचाते हैं। इस
कारण केंद्र में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ रही। ग्राम पंचायत में आंगनबाड़ी के नाम जगह आरक्षित हैं लेकिन बजट के अभाव में भवन का निर्माण नहीं करवाया जा रहा। ग्रामीणों द्वारा जन सहयोग से शादी व अन्य सार्वजनिक समारोह आयोजित करने के लिए सामुदायिक भवन बनवाया था। लेकिन यहंा आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होने के कारण समारोह नहीं हो पाते। कई बार सभा या बैठक,अन्य समारोह आयोजित करने में ग्रामीणों का भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। पूर्व सरपंच कृष्ण
कुमार सहारण ने आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों से कई बार बजट देने की मांग की थी। लेकिन किसी ने नहीं सुनी ओर समस्यां ज्यों कि त्यों बनी हुई हैं।
यहां प्यासे नौनिहाल:गांव चारणवासी के आंगनबाड़ी केंद्र ए में पानी की व्यवस्था न होने के कारण बच्चों
को खाना खाने के बाद मुंह घर आकर साफ करना पड़ता था। वहीं शौच के बाद भी बच्चें हाथ साफ नहीं
कर पाते। फेफाना का एक आंगनबाड़ी भवन खस्ता हालात में होने के कारण हर समय बच्चों पर खतरा मडराता रहता हैं। जनप्रतिनिधियों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रो के विकास की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा। चारणवासी के आंगनबाड़ी केंद्र ए में
बच्चें भेजने वाले अभिवावकों का कहना हैं कि अब की बार गर्मी में केंद्र पर बच्चों के पीने के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था नहीं की गई तो बच्चों को भेजना पूर्ण रूप से बंद कर देगें। सरकार हाल ही में आंगनबाड़ी केंद्र के माध्य से स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देना चाहती हैं लेकिन यहां के बच्चें ही अछुते हैं तो स्वस्छता अभियान में भागीदारी कैसे निभाएगें।
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