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शुद्व पानी मुहैया करने का दावा खोखला,अशुद्व पानी से हलक की प्सास बुझाते तीन गांवों के लोग,कछुआ चाल हो रहा फिल्टर का निर्माण


हनुमानगढ़/चारणवासी।(जयलाल वर्मा)  केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार गांव-गांव व ढाणी-ढाणी में शुद्व पेयजल मुहैया करवाने का दावा कर रही है वहीं दूसरी ओर कछुआ चाल से हो रहा फिल्टरों का निर्माण कार्य। ऐसी स्थिति में लोगों को शुद्व पेयजल नसीब नहीं हो रहा। गांव रतनपुरा के वांशिदें भी अशुद्व पानी से हलक की प्यास बुझा रहे है। पूर्व पंचायत समिति सदस्य जिंद्रपाल गोदारा,रणजीत देदड़,उप सरपंच दयाराम झोरड़ इत्यादि ने बताया कि एक हजार घरों की आबादी वाले गांव में पेयजल व्यवस्था के लिए सरकार ने 1980 में खिनानिया वितरिका नहर के किनारे हेड वाटर वक्र्स का निर्र्माण करवाया था। जिसमें दो फिल्टर,जल भण्डारण के लिए एक डिग्गी व गांव में पेयजल सप्लाई के लिए बस स्टेण्ड पर टंकी बनवाई थी। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण के बाद सरकार ने ध्यान नहीं दिया ओर समय पर मरम्त न होने के कारण यहां बने जल स्त्रौत जर्जर हालात में पहुंच गए। वर्तमान में फिल्टर का निर्माण कार्य कछुआ चाल से चल रहा है नहर से आने वाला अशुद्व पानी सीधा घरों में सप्लाई किया जा रहा है। अशुद्व पानी से लोग जलजनित बीमारियों से घिरे रहते है। गांव में अशुद्व पानी के कारण कैंसर के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। 

अपर्याप्त रहता पेयजल

इस वाटर वक्र्स से रतनपुरा के अलावा चक 1 व 2 आरपीएम में पेयजल सप्लाई होता है। ओर यहां जलभडारण की डिग्गी मात्र एक ही है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रंचड़ गर्मी में जल भडारण की डिग्गी का पानी अपर्याप्त रहता है लोगों को गर्मी के समय पानी के टैंकर मंगवाने पड़ते है। 

जगह की कमी खली

 पीएचईडी विभाग का कहना है कि रतनपुरा मे नए वाटर वक्र्स का निर्माण करवाने के लिए जगह की  कमी खल रही है। इसी को मद्येनजर रखते हुए विभाग ने पुराने वाटर वक्र्स का जीर्णोद्वार करवाया जा रहा है। 
                          

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