हनुमानगढ़। चैत्र के नवरात्रों के उपलक्ष्य में संत आश्रम हनुमानगढ़ जंक्शन ओवरब्रिज के पास में रामायण केे नवम् परायण का आयोजन किया जा रहा है। इस पाठ के तहत 25 मार्च से 5 अप्रैल तक महामण्डेलश्वर स्वामी सुरेश मुनी जी महाराज हरिद्वार वाले के मुखाबिन्द से श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। आज दूसरे दिन कथा का वाचन करते हुये स्वामी जी ने श्री राम चरित मानस पर प्रकाश डालते हुए श्री राम चरित मानस की तुलना कैलाश मान सरोवर यात्रा करने के समान की। स्वामी जी ने श्री राम चरित मानस और मान सरोवर यात्रा का अंतर बताते हुए कहा कि मान सरोवर की यात्रा सिर्फ तंदरुस्त व्यक्ति ही कर सकता है। यह यात्रा सिर्फ जवानी के दिनों में ही की जा सकती है। इस यात्रा के लिए जहां रुपया-पैसा भी खूब चाहिए, वहीं समय भी पूरा चाहिए। मान सरोवर में बहुत ही बर्फीला पानी है। मान सरोवर में स्नान के समय सीढिय़ों में पांव रखते समय संभलकर नीचे उतरना पड़ता है, क्योंकि फिसलने का भय रहता है। अगर मान सरोवर में फिसल गए तो फिर बाहर निकलना असंभव है। जबकि मानस सरोवर में ऐसा किसी प्रकार का भय नहीं है। स्वामी जी महाराज ने दूसरे दिन श्रद्धालुओं के विशाल जनसमूह के समक्ष प्रवचनों की अमृतवर्षा करते हुए ये विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि किसी भी अवस्था का व्यक्ति चाहे जवान हो या बुजुर्ग वह मानस सरोवर में डुबकी लगा सकता है। श्री राम चरित मानस रुपि सरोवर में डुबकी लगाने पर न तो कोई यादा धन खर्च होता है और न यादा समय लगता है। इस सरोवर में डुबकी लगाने के लिए यह भी जरुरी नहीं कि व्यक्ति तंदरुस्त ही हो, कोई भी इसमें डुबकी लगा सकता है। मानस सरोवर में फिसलने का भी भय नहीं है। इस सरोवर में तो जितना यादा गहरा जाओगे, उतने ही कीमती हीरे लेकर बाहर निकलोगे। जो भक्त मान सरोवर यात्रा पर नहीं जा सकते, वो श्री राम चरित मानस रुपि सरोवर में डुबकियां लगा सकते हैं। ऐसा करने से मान सरोवर यात्रा से मिलने वाले पुण्य से भी कहीं यादा पुण्य मिलता है। यह कथा 25 मार्च से 5 अप्रैल तक सायं 4:30 से 5:30 बजे तक होगा। इसमें रामकथा का प्रवचन किया जायेगा। आयोजन समिति के सदस्यों ने धर्मप्रेमियों से निवेदन किया है कि अधिक से अधिक संया में पहुचकर धर्मलाभ उठाएं।
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